मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत एक दूजे के हुए एक सौ ग्यारह जोड़े | CRIME JUNCTION मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत एक दूजे के हुए एक सौ ग्यारह जोड़े
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मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत एक दूजे के हुए एक सौ ग्यारह जोड़े



सतेंद्र 

उज्जैन (मप्र) मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में नगर पालिका परिषद ने शनिवार रात को सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया। जिसमें 111 वर-वधू परिणय सूत्र में बंधे। इस सम्मेलन में कर्नाटक राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने वधु को शुभ आशीर्वाद दिया। विवाह समारोह के पूर्व दशहरा मैदान से वर निकासी निकली, जो नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई विवाह स्थल पर पहुंची।


वर निकासी का सैकड़ों स्थानों पर सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक संगठनों ने स्वागत किया। विवाह स्थल पर 111 दुल्हो ने गायत्री मंत्र उच्चारण किया। उसके साथ सनातन पद्धति से तोरण की रस्म पूर्ण हुई। उसके बाद वर वधु की वरमाला हुई। यह आयोजन रात 12 बजे तक चलता रहा। सम्मेलन में वर वधु पक्ष से आए हुए परिवाजनों के लिए स्नेहभोज कृषि उपज मंडी में आयोजित किया गया था। जिसमें 15 हजार से अधिक नागरिकों ने सहभोज किया, जो एक नगर भोज की तरह लग रहा था।


ये मिला उपहार

प्रत्येक जोड़ों को मप्र शासन की योजना के तहत 49 हजार रुपए का चेक भेंट किया। इस के अलावा लाट्री सिस्टम से 111 कन्याओं के नाम की पर्ची डालकर प्रथम पुरस्कार स्कूटी, द्वितीय पुरस्कार एलईडी टीवी, तृतीय पुरस्कार सिलाई मशीन दी गई। 


सांसद की पत्नी संध्या अनिल फिरोजिया ने समिति को 1 लाख रुपए राशि देने की घोषणा की। समिति ने प्रत्येक कन्याओं को 15-15 बर्तनों का सेट दिया। नागरिकों के कन्या दान को बराबर-बराबर बांटकर प्रत्येक कन्या को रक्षाबंधन के पर्व पर साड़ी के साथ दिया जाएगा। कैबिनेट मंत्री दर्जा शेखावत ने प्रत्येक वर को हैल्मेट उपहार स्वरूप भेंट किया।


कर्नाटक राज्यपाल गेहलोत ने कहा सम्मेलनों में करें विवाह

समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि विवाह सम्मेलन में विवाह करने से यह लाभ मिलता है कि हजारों लोगों का आशीर्वाद मिलता है। जितना ज्यादा अशीर्वाद मिलता है उतना ही दाम्पत्य जीवन खुशहाल रहता है। मैंने मेरे पोते का विवाह मुख्यमंत्री कन्यादान सम्मेलन में किया था। 


राज्यपाल गेहलोत ने कहा कि मै चाहता तो मेरे पोते का विवाह भी बड़े धूमधाम से करता, लेकिन उसमें सिर्फ 3 से 4 हजार लोग ही आशीर्वाद देने शामिल होते। मेरा आप लोगों से आग्रह है कि आप भी सम्मेलन में अपने बेटे-बेटी का विवाह करने की विवाह सम्मेलनों में करने की परंपरा प्रारंभ करे।

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