अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय स्थित अंग्रेजी माध्यम विद्यालय पायनियर पब्लिक स्कूल एंड कॉलेज में सोमवार को प्राइमरी कक्षाओं के छात्र-छात्राओं को संगीत की शिक्षा प्रदान की गई ।
24 फरवरी को शहर के अग्रेंजी माध्यम विद्यालय पाॅयनियर पब्लिक स्कूल एण्ड काॅलेज में कक्षा 3 से 8 के छात्र-छात्राओं के मध्य गिटार, ढोलक एवं हारमोनियम वाद्ययंत्र प्रतियोगिता का आयोजन कराया गया। विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डाॅ0 एमपी तिवारी के नेतृत्व में उप प्रधानाचार्या शिखा पाण्डेय की संरक्षता में विद्यालय के संगीत अध्यापक हर्षित यादव द्वारा बच्चों में वाद्ययंत्र प्रतियोगिता सम्पन्न करायी गयी । विद्यालय के संगीत अध्यापक हर्षित यादव ने बच्चों को बताया कि गिटार दुनिया के सबसे पसंदीदा संगीत वाद्ययंत्रों में से एक है। इसे सुंदर ध्वनि उत्पन्न करने के लिए इसके छह तारों को झंकृत करके बजाया जाता है। गिटार विभिन्न प्रकार के होते है, जैसे ध्वनिक, इलेक्ट्रिक और शास्त्रीय। ध्वनिक गिटार सबसे लोकप्रिय है क्योंकि इसे बिना बिजली के बजाया जा सकता है और इसकी ध्वनि बहुत मधुर होती है। गिटार एक बहुमुखी उपकरण है जो राॅक, पाॅप, शास्त्रीय और जैज जैसी कई संगी शैलियों में फिट बैठती है। गिटार बजाना सीखने के लिए नियमित अभ्यास और धैर्य की जरूरत होती है। यह ध्यान और रचनात्मकता को बेहतर बनाने में मदद करता है। ढोलक के बारे में बताया कि ढोलक भारतीय वाद्य-यंत्र है ये हाथ या छड़ी से बजाए जाने वाले छोटे नगाड़े है जो मुख्य रूप से लोक संगीत या भक्ति संगीत को ताल देने के लिए काम आते है। ढोलक को अधिकतर हाथ से बजाया जाता है। ढोलक का मुख्य शरीर लकड़ी से बना एक खोल होता है और सिर त्वचा से ढके होते है। एक रस्सी या धागा खोल के चारों ओर और ब्रेसिज के ऊपर से गुजारा जाता है ताकि त्वचा के चेहरों से टकराकर उत्पन्न ध्वनि की पिच को समायोजित किया जा सके। साथ ही हारमोनियम के बारे में बताया कि हारमोनियम एक संगीत वाद्य-यंत्र है जिसमें हवा प्रवाह की जाती है और भिन्न चपटी स्वर पटलों को दबाने से अलग-अलग सुर की ध्वनियाँ निकलती है। इसमें हवा का बहाव पैरों, घुटनों या हाथों के जरिये किया जाता है, हालाँकि भारत में इस्तेमाल होने वाले हारमोनियमों में हाथों का प्रयोग ही ज्यादा होता है । विद्यालय के छात्र-छात्राओं में कक्षा-5 के छात्र अर्थव सेन ने गिटार वादन में प्रथम स्थान, कक्षा-11 के छात्र उत्कर्ष शुक्ला तथा कक्षा-9 की माधवी गुप्ता ने द्वितीय स्थान तथा कक्षा-3 के छात्र प्रथमेश, एस0के0 सौर्य, चित्रांश कक्षा-4 के छात्र-आकर्ष श्रीवास्तव, कक्षा-5 के छात्र श्लोक मिश्रा, आदित्य श्रीवास्तव कक्षा-7 के छात्र ईशान श्रीवास्तव ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने वाद्य यंत्र प्रतियोगिता में उत्साहपूर्वक बढ-चढ कर प्रतिभाग किया। प्रबन्ध निदेशक ने सभी छात्र-छात्राओं के कौशल को देखकर उत्साहवर्धन करते हुए प्रशंसा की। साथ ही यह भी बताया कि बच्चों को जिस वाद्य-यंत्र में रूचि हो उस पर विशेष ध्यान दें, इससे बच्चों का सर्वांगीण विकास होता है। इस अवसर पर विद्यालय के उप प्रधानाचार्या शिखा पाण्डेय, अध्यापक अध्यापिका किरन मिश्रा, लता श्रीवास्तव, रूबी त्रिपाठी, वैष्णवी श्रीवास्तव, नीलम श्रीवास्तव, पूनम चौहान, नेहा श्रीवास्तव, उमा तिवारी, एके तिवारी, टीएन शुक्ला आदि उपस्थित रहे।
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