अखिलेश्वर तिवारी
आंखों का ख्याल ना रखने से आ रही है आंखों में सूखेपन की समस्या
ठंड हवा, हेयर ड्रायर, कार हीटर व ब्लोअर से आंखों को रखें दूर
बलरामपुर ।। सर्दी का मौसम हर लिहाज से अच्छा माना जाता है लेकिन इस मौसम में कुछ ऐसी स्वास्थ्य समस्याएं है जो सभी उम्र के लोगों को परेशान कर सकती हैं। उन्ही समस्याओं में से एक है आंखों में होने वाली बीमारी। आंखों में सूखेपन की समस्या यानि ड्राई आई इसमें प्रमुख है। जब आंखों में अश्रु ग्रंथियां पर्याप्त आंसू का निर्माण नहीं कर पाती तब यह समस्या ज्यादा होती है। यह बीमारी कनेक्टिव टिशु के डिस्आर्डर से होती है।
संयुक्त जिला चिकित्सालय के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सुनील कुमार ने बुधवार को बताया आंखों में सूखेपन की समस्या अधिक होने पर आंख की सतह को नुकसान पहुंच सकता है। इसके परिणाम स्वरूप अंधेपन की समस्या भी हो सकती है। ये समस्या सबसे ज्यादा बाइकर (मोटरसाइकिल चालक) में मिल रही है। इस समस्या से ग्रसित व्यक्ति में कई तरह के लक्षण दिखाई पड़ते हैं, जैसे आंखों में सूखापन महसूस होना, आंखों में खुजली और जलन का एहसास, हर वक्त आंखों को मलते रहना, ऐसा महसूस होना कि आंखों में कुछ चला गया है, आंखों से बिना कारण पानी निकलते रहना, बिना कारण आंखों का थक जाना या सूजन के फल स्वरुप सिकुड़कर छोटा हो जाना।
कई वजहों से आंखों पर पड़ता है प्रभाव
आंखों में सूखेपन के कई कारण हो सकते हैं जिसमें विटामिन सी की कमी, महिलाओं में मीनोपॉज के बाद, कुछ दवाओं की एलर्जी (रिएक्शन) के कारण, एलर्जी की अन्य समस्या से ग्रसित होने पर, थायराइड जैसी समस्या होने पर, लंबे समय तक बिना पलक झपकाए कंप्यूटर पर काम करते रहने से, अधिक देर तक टीवी देखने से, उच्च स्तर के प्रदूषण के कारण समस्या बढ़ जाती है।
ऐसे रखें आंखों का खास ख्याल
डॉक्टर सुनील कुमार के अनुसार ड्राई आई की बढ़ती समस्या से ग्रसित लोगों को ध्यान रखना चाहिए कि आंखों को सीधे हवा के संपर्क में ना आने दें। बाइक चलाते वक्त हेल्मेट लगाएं। कंप्यूटर पर काम करने के दौरान बीच-बीच में पलक झपकाना नहीं भूलें। यदि काॅटेक्ट लेंस का इस्तेमाल कर रहे हैं तो एक बार अपनी आंखों को चिकित्सक को जरूर दिखाएं। गुनगुने पानी से आंखों को साफ करते रहें। हेयर ड्रायर, कार हीटर व ब्लोअर से आंखों को दूर रखें।
ओपीडी में लगातार बढ़ रहे मरीज
डॉक्टर सुनील कुमार ने बताया अधिक ठंडक होने के कारण संयुक्त जिला चिकित्सालय के ओपीडी में ड्राई आंख के मरीजों की संख्या करीब 30 प्रतिशत बढ़ गई है जिन्हें दवाओं के साथ-साथ सावधानियां बरतने की सलाह भी दी जा रही है।
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