Type Here to Get Search Results !

Bottom Ad

गोवंश आश्रय स्थलों के कार्यो में शिथिलता एवं पायी गयी कमियों पर डीएम ने अधिकारियों को किया सचेत एवं दिये कड़े निर्देश


पूरबपट्टी के ग्राम प्रधान द्वारा गो आश्रय स्थल के कार्यो में रूचि न लेने के कारण डीएम ने त्रिस्तरीय समिति गठित कर ग्राम प्रधान को हटाये जाने के दिये निर्देश
गोवंश आश्रय स्थल की प्रगति स्पष्ट न करने पर डीएम ने खण्ड विकास अधिकारी बाबा बेलखरनाथधाम एवं सदर को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के दिये निर्देश
शिवेश शुक्ला 
प्रतापगढ | विकास भवन के सभागार में गोवंश आश्रय स्थलों के निर्माण कार्यो एवं व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही की अध्यक्षता में बैठक की गयी। बैठक में जिलाधिकारी ने 37 गोवंश आश्रय स्थल एवं 02 वृहद गोवंश आश्रय स्थल के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की। बैठक में बताया गया कि पशुगणना के अनुसार जनपद में लगभग 42000 पशु है और गोवंश आश्रय स्थलों में कुल 4500 पशु रखे गये है। बैठक में जिलाधिकारी ने बताया कि दूध निकालने के बाद पशुपालक जानवरों को अवारा पशुओं की तरह छोड़ देते है यह चिन्ता का विषय है इसके लिये जागरूकता की आवश्यकता है। जिलाधिकारी ने कहा कि यह अवारा पशु किसके है इसे चिन्हित करने के लिये ईअर टैगिंग कराया जा रहा इस कार्य में तेजी लाने हेतु मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद के समस्त पंचायत सचिवों का यह दायित्व होगा कि अवारा पशु किसके है और इसे कौन छोड़ रहा है इसे चिन्हित किया जाये और ऐसे पशुपालकों के विरूद्ध एफ0आई0आर0 दर्ज करायी जाये। जिलाधिकारी ने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा स्पष्ट निर्देश दिये गये है कि भूसा, चूनी-चोकर की उपलब्धता गो आश्रय स्थलों पर समुचित व्यवस्था हो और पशु की मृत्यु होने की दशा में उसका पोस्टमार्टम कराकर निस्तारण उचित ढंग से किया जाये जिसके लिये सभी खण्ड विकास अधिकारियों, पशु चिकित्साधिकारियों, ग्राम विकास अधिकारियों एवं ग्राम पंचायत अधिकारियों का दायित्व निर्धारित है। जिलाकिरी ने कहा कि गोवंश आश्रय का आशय निराश्रित/बेसहारा गोवंशीय पशुओं के लिये है यह पालतू पशुओं के लिये नही है इसकी भ्रान्ति क्षेत्र में दूर की जाये। उन्होने कहा कि पालतू पशुओं को किसी कार्यालय, विद्यालय या पंचायत भवन में बन्द करना अपराध है इसके लिये ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा सम्बन्धित थाने में तुरन्त एफ0आई0आर0 दर्ज कराकर सम्बन्धित उच्च अधिकारियों को सूचना दी जाये। बैठक में उपस्थित पुलिस अधीक्षक के प्रतिनिधि को निर्देशित किया गया कि इस सम्बन्ध में वे जनपद के सभी थानों को लिखित/दूरभाष निर्देश भेजवा दें कि ऐसे मामलों में शिथिलता न बरती जाये। बैठक में जिलाधिकारी ने बताया कि चन्दीगोविन्दपुर के मामले में एक वीडियो वायरल हुआ जिस पर मा0 मुख्यमंत्री महोदय ने इसे संज्ञान में लेते हुये निर्देशित किया कि यदि ऐसी सूचना प्रकाश में आती है तो तुरन्त मृत्यु पशु का पोस्टमार्टम कराकर निस्तारण कराया जाये। यदि ऐसी स्थिति में मृत्यु पशुओं को कौवे या कुत्तों द्वारा नोचने की सूचना मिलती है तो उसकी पूर्ण जिम्मेदारी सम्बन्धित पंचायत सचिव/ग्राम विकास अधिकारी की होगी और यदि ऐसा पाया जाता है सम्बन्धित के खिलाफ निलम्बन की कार्यवाही की जायेगी। बैठक में जिलाधिकारी ने बताया कि गोवंश आश्रय स्थलों के भरण-पोषण हेतु जनपद में 3 करोड़ 13 लाख रूपये का प्राविधान आया है इसका सही उपयोग नही हो रहा है निर्देशित किया गया कि तहसील, ब्लाक एवं ग्राम स्तर पर इसका समुचित उपयोग कर समायोजन कराया जाये इसके लिये ग्राम विकास अधिकारी अथवा ग्राम पंचायत अधिकारी जिम्मेदार होगें। सचिव प्रतिदिन अपने क्षेत्र के गोवंश आश्रय स्थल का निरीक्षण करेगें और व्हाटसएप पर इसकी सूचना प्रतिदिन मुख्यालय पर सम्बन्धित अधिकारी को देगें।  बैठक में विकास खण्ड बाबागंज में गोवंश आश्रय स्थल रायगढ़ में स्थापना की प्रगति पर खण्ड विकास अधिकारी बाबागंज द्वारा सन्तोषजनक विवरण न देने के कारण उनके वेतन भुगतान पर जिलाधिकारी ने रोक लगा दी और कहा कि जब तक कार्य पूर्ण नही हो जाता तब तक वेतन भुगतान न किया जाये और यही नही उनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही एवं कारण बताओ नोटिश जारी करने के निर्देश दिये। बैठक में विकास खण्ड बिहार के फूलपुररामा गोवंश आश्रय स्थल में विद्युत कनेक्शन अब तक न संयोजित करने के कारण अधिशासी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड कुण्डा के वेतन भुगतान पर रोक लगाने का निर्देश दिया एवं पशु चिकित्साधिकारी विपिन सोनकर विकास खण्ड बिहार के वेतन बाधित करने और निलम्बन की रिपोर्ट बनाने के लिये भी निर्देशित किया। जिलाधिकारी ने फूलपुररामा के गोवंश आश्रय स्थल में लापरवाही पर ग्राम पंचायत अधिकारी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को तत्काल निलम्बित करने के लिये जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देश दिये। इसी तरह शेखपुर चौरास के गोवंश आश्रय स्थल में लापरवाही पर ग्राम विकास अधिकारी सत्य प्रकाश पाण्डेय को भी निलम्बित करने के निर्देश दिये।बैठक में ग्राम ऐमापुर बिन्धन विकास खण्ड बाबागंज के सचिव को अन्तिरम रूप से बहाल करने के निर्देश दिये गये एवं 10 दिन के अन्दर गोवंश आश्रय स्थल को क्रियाशील बनाने को कहा गया। इस सम्बन्ध में सरकार की प्राथमिकता पर ध्यान न दिये जाने पर पशु चिकित्साधिकारी बाबागंज को कारण बताओ नोटिश जारी करने के निर्देश दिये गये।बैठक में यह संज्ञान में आया कि पूरबपट्टी के ग्राम प्रधान द्वारा गो आश्रय स्थल के कार्यो में रूचि न लेने पर जिलाधिकारी ने जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देशित किया कि त्रिस्तरीय समिति गठित कर ग्राम प्रधान को तुरन्त हटा दिया जाये जिससे ग्रामसभा का कार्य सुचारू रूप से चल सके। बैठक में विकास खण्ड सदर के गोवंश आश्रय स्थल महुली, सरायसागर एवं परशुरामपुर के सम्बन्ध में प्रगति रिपोर्ट सही न दिये जाने पर एवं कार्यो में रूचि न लेने के कारण खण्ड विकास अधिकारी सदर को प्रतिकूल प्रविष्टि देने का निर्देश दिये तथा मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा इस कार्य को सुचारू रूप से व्यवस्थित न करने के कारण सचेत किया गया। विकास खण्ड सण्ड़वा चन्द्रिका में उमरी गोवंश आश्रय स्थल को चिन्हित न किये जाने पर तहसीलदार/उपजिलाधिकारी सदर को सचेत किया गया तथा कहा गया कि तत्काल स्थल को चिन्हित कराया जाये। बैठक में जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि वह जनपद के सभी पशु चिकित्साधिकारियों की सूची उपलब्ध कराये और इस बैठक में अनुपस्थित होने वाले पशु चिकित्साधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु निर्देश दिये। खण्ड विकास अधिकारी पट्टी के क्षेत्र में 7 स्थानों पर चारा बुआई कराना है इसके लिये निर्देशित किया गया कि चिन्हित स्थानों का निरीक्षण उपजिलाधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी एवं पशु चिकित्साधिकारी संयुक्त रूप से करके चारा बुआई करा दें। बैठक में विकास खण्ड बाबा बेलखरनाथ धाम के खण्ड विकास अधिकारी ने गोवंश आश्रय स्थल की प्रगति देने के सम्बन्ध में अनभिज्ञता जतायी जिस पर जिलाधिकारी ने ऐसे गैर जिम्मेदराना कार्य पर खण्ड विकास अधिकारी बाबा बेलखरनाथ धाम को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के लिये निर्देशित किया। जिलाधिकारी ने कहा कि विकास खण्ड आसपुर देवसरा के गोवंश आश्रय स्थलों का निरीक्षण किया जाये एवं वहां पर आई0डी0 जनरेट किया जाये। विकास खण्ड सांगीपुर में 25 स्थानों पर गोवंश आश्रय स्थल स्थापित होने है परन्तु खण्ड विकास अधिकारी ने इस पर अनभिज्ञता प्रकट की जो बिल्कुल गैर जिम्मेदराना कार्य है निर्देशित किया गया कि सभी स्थलों का निरीक्षण किया जाये और आई0डी0 जनरेट कर चारा की बुआई की जाये। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि गोवंश आश्रय स्थलों में लापरवाही पर ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत अधिकारी/ग्राम विकास अधिकारी, विकास खण्ड स्तर पर खण्ड विकास अधिकारी/सहायक विकास अधिकारी, तहसील स्तर पर उपजिलाधिकारी/तहसीलदार तथा जिला स्तर पर मुख्य पशुचिकित्साधिकारी की जिम्मेदारी निर्धारित है। मृत्यु पशुओं के निस्तारण पर नगरीय क्षेत्र के अधिशासी अधिकारी की जिम्मेदारी तय है। जिलाधिकारी ने कहा कि पशुओं की जो संख्या दिखायी जा रही है उसकी ईअर टैगिंग त्वरित गति से करायी जाये, भविष्य के लिये अभिलेखों को दुरूस्त रखा जाये ताकि किसी भी शिकायत पर उसका जवाब दिया जा सके। बैठक में अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) शत्रोहन वैश्य, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा0 विजय प्रताप सिंह, जिला विकास अधिकारी सुदामा प्रसाद, परियोजना निदेशक डी0आर0डी0ए0 सहित समस्त उपजिलाधिकारी, समस्त खण्ड विकास अधिकारी, समस्त सम्बन्धित जिला स्तरीय अधिकारी, समस्त पशु चिकित्साधिकारी तथा गोवंश आश्रय स्थलों के ग्राम पंचायत अधिकारी/ग्राम विकास अधिकारी उपस्थित रहे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad



 

Below Post Ad

5/vgrid/खबरे