शिवेश शुक्ला
प्रतापगढ़ । अवध किसान आंदोलन शताब्दी वर्ष के अंतर्गत 6 जून 2020 को जनपद मुख्यालय पर रूर गाँव से इलाहाबाद किसानों के गांधी जी से मिलने जाने की पदयात्रा की याद में एक संगोष्ठी का आयोजन पंचमुखी मन्दिर बलीपुर के बगल किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता किसान नेता सहकारिता विभाग के पूर्व सेवानिवृत्त अधिकारी रामदुलार यादव ने किया। इस अवसर पर प्रस्तावना रखते हुए हेमंत नंदन ओझा ने दिल्ली जाने वाले पदयात्रा में लोगों पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए कहा कि कहा कि 5 जून 1920 को शाम को रुर व और आसपास के सैकड़ो किसानों ने तत्कालीन समय में जमीदारों द्वारा किसानों के उत्पीड़न किसानों के शोषण का हाल बताने के लिए किसान गांधीजी से मिलने के लिए इलाहाबाद की यात्रा शुरू किए 5 जून को रूरे से यात्रा आरंभ हुई 5 जून की रात में किसानों ने सई नदी के किनारे बेल्हा देवी स्थित मंदिर पर रात्रि विश्राम किया और सुबह 6 जून को इलाहाबाद के लिए रवाना होकर किसान शाम को 7:00 बजे तक इलाहाबाद पहुंच गए किंतु हां गांधीजी नहीं मिले 7 जून 2020 को वहां पर किसानों ने पंडित जवाहर नेहरू ,पुरुषोत्तम दास टंडन,गौरी शंकर मिश्र राम रतन सहगल ,मंजर अली सोखता सहित अन्य नेताओं से मुलाकात की और उनसे अपनी सारी दुर्दशा बताई और किसान सभा का आयोजन किया। उन्होंने कहा कि जनपद में जिन जिन स्थानों पर महात्मा गांधी और पंडित नेहरू ने किसानों की सभाओं संबोधित किया था उन स्थानों पर उसकी याद में किसान सभाएं आयोजित की जाएगी 20 दिसंबर 2020 को अवध किसान आंदोलन अवध किसान सभा के गठन को याद करते हुए अयोध्या समारोह होगा।
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