जून माह के अंतिम में सर्वे के नाम पर डाला जा रहा अड़ंगा
आलोक बर्नवाल
संतकबीरनगर। जनपद संतकबीरनगर में कोरोना महामारी में भी आपूर्ति विभाग मिट्टी तेल वितरण करवाने में कोताही बरत रहा है। हर बार कोई न कोई बाधा उत्पन्न किया जा रहा है। जहां शासनादेश के मुताबिक कई माह पूर्व ही मिट्टी तेल का वितरित करने हेतू कोटेदार का आवंटन हो जाना था। लेकिन मिट्टी तेल वितरण में अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल साबित हो रहा आपूर्ति विभाग द्वारा हर बार कोई न कोई नए नियम का प्रावधान अनियमित रूप से किया जा रहा है। पूर्व में जब शासनादेश के मुताबिक मिट्टी तेल वितरण न होने की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। एक तरफ सरकार गरीब व जरूरतमंद के सुविधाओं के लिए सभी जरूरी कदमो को उठाया जा रहा है। वही पर संतकबीरनगर आपूर्ति विभाग के जिम्मेदार अधिकारी जिला पूर्ति अधिकारी द्वारा मिट्टी तेल वितरण पात्र परिवारों में न करवाकर एक तरह से सरकार के आदेश का उल्लंघन किया गया। जब इस बात को प्रमुखता से ऑडिशन टाइम्स ने प्रकाशित किया तब प्रशासन अपने नींद से जागा और मिट्टी तेल वितरण के लिए जिला आपूर्ति अधिकारी सक्रिय हुए तब जाकर होलसेलर आवंटन किया गया। फिर भी कई दिनों तक कोटेदार आवंटन नही किया गया। इसकी खबर भी प्रकाशित होने पर कोटेदार आवंटन का आदेश निर्गत किया गया और पुनः पात्र परिवार के चयन हेतू निर्देश दिया गया। जबकि पूर्व के जनवरी माह में सर्वे के हिसाब से 55.23% अंत्योदय व 56.23% पात्र गृहस्थी के पास बिजली व गैस कनेक्शन मिला और बाकी बचे हुए परिवार को इसी आधार पर तीन माह का मिट्टी तेल वितरण हेतू आवंटन जारी हुआ था। इस अल्प समय मे पुनः सर्वे करवाना तर्क संगत नही है। जो आपूर्ति विभाग के लापरवाही को इंगित करता है। पूर्व में हुए सर्वे के बाद ही जनवरी व फरवरी में वितरण भी मिट्टी तेल का हुआ था। जबकि मार्च में बिना आदेश के ही मिट्टी तेल का वितरण नही किया गया। अब जब कोरोना काल से मिट्टी तेल का वितरण न होने से आम गरीब की आवाज जब प्रमुखता से उठायी गई तो प्रशासन भी सक्रिय हुआ और आपूर्ति विभाग को निर्देशित किया। लेकिन अब विभाग की हीलाहवाली से आम गरीब आबादी परेशान है। जो इस बरसात के मौसम में अघोषित विद्युत कटौती से आम जनजीवन बिना रोशनी के परेशान है। जो जिम्मेदार अधिकारी के लापरवाही के कारण हुआ है। सब सुविधाओं को पहुँचाकर सरकार लोगो के जीवन को सरल बना रही है। वही जिम्मेदार अधिकारी कोरोना महामारी के दौर में भी लापरवाही बरत रहे है।
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