बालिका दिवस पर रैली में एएनएम, आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ताओं समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मी रहे शामिल
सीएचसी खलीलाबाद में वितरित किए गए बेटी बचाने के संदेश वाले पम्पलेट व अन्य सहायक सामग्रियां
आलोक बर्नवाल
सन्तकबीरनगर। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एसडी ओझा ने कहा कि समाज में लड़कियों में भेदभाव को खत्म करने के लिए हर साल राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। एक उज्ज्वल कल के लिए लड़कियों को सशक्त बनाना है। यह बातें उन्होंने राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर जिला मुख्यालय पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खलीलाबाद से निकाली गई जागरुकता रैली को सम्बोधित करते हुए कहीं।
सीएमओ डॉ हरगोविन्द सिंह के निर्देशन में आयोजित इस कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सीएचसी खलीलाबाद के अधीक्षक डॉ वी पी पाण्डेय ने कहा कि समाज में आज भी बालक और बालिकाओं में भेद किया जा रहा है। सभी को मिलकर इस कुरीति को मिटाना है। बाल विवाह, भ्रूण हत्या, शिशु मृत्यु दर रोके जाने ,स्तनपान कराने, नियमित टीकाकरण, दहेज प्रथा एवं सामाजिक बाधाओं के विषयों में भी सुधार लाना है। इसके लिए सभी लोगों को आगे आना होगा। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एसडी ओझा व सीएचसी खलीलाबाद के अधीक्षक डॉ वीपी पाण्डेय ने हरी झण्डी दिखाकर इस रैली को रवाना किया। रैली में शामिल स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ ही स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने हाथों में बेटी तो है जग की जननी, इसकी रक्षा हमको करनी, बेटी कुदरत का उपहार, इसको जीने का अधिकार, बेटी है तो कल है, जब जब उठती नारी है, सब पर पड़ती भारी है जैसे नारों की तख्तियां हाथों में लेकर जूनियर हाईस्कूल, सुगर मिल चौक, बैंक चौराहा, गोलाबाजार, मुखलिसपुर चौक होकर नगर भ्रमण करते हुए सीएचसी खलीलाबाद पहुंची। इस दौरान रास्ते में लोगों को भ्रूण हत्या तथा अन्य बुराइयों को रोकने के लिए पम्पलेट भी वितरित किया गया। डॉ वी पी पाण्डेय ने बताया कि देशभर में हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरूआत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 2008 में की थी। एनएफएचएस-4 के अनुसार जिले में 15 से 49 वर्ष की महिलाओं की साक्षरता दर 60.5 फीसदी है, जबकि 10 वर्ष से अधिक की कुल 28.4 फीसदी ही लड़कियां ही स्कूल जा पाती हैं। साथ ही 15 से 49 वर्ष आयु वर्ग की 25.9 फीसदी महिलाएं खून की कमी से जूझ रही हैं।
सभी को दिलाई बेटी बचाने की शपथ
कार्यक्रम के दौरान डॉ एस डी ओझा ने सभी को बालिका बचाने की शपथ दिलाई। इस दौरान उन्होने उपस्थित सभी चिकित्साकर्मियों, चिकित्सकों तथा विभिन्न प्रभागों के अधिकारियों को यह शपथ दिलाई कि वे बेटियों को सुरक्षित करेंगे, साथ ही साथ अगर कोई भी व्यक्ति या संस्था गर्भ में बेटियों को मारने के लिए लिंग परीक्षण करती है तो इसकी जानकारी उचित माध्यम के जरिए शासन व प्रशासन को देंगे। बेटियों को सुरक्षित करने के साथ ही उनको संरक्षित करने का काम करेंगे। किसी भी दशा में लिंग परीक्षण न तो कराएंगे और न ही इसे प्रोत्साहन देंगे। इस दौरान उनके साथ अधिकारी अंगद सिंह, डॉ अरविन्द राय, बीपीएम अभय त्रिपाठी, बीसीपीएम महेन्द्र त्रिपाठी, डॉ वी के सोनी, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एस डी ओझा, मनीष मिश्रा समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।
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