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श्रीराम मंदिर के लिए दलितों की ओर से आंबेडकर महासभा ट्रस्ट ने भेंट की चांदी की शिलाः डॉ. निर्मल


वासुदेव यादव 

अयोध्या। उत्तर प्रदेश के दलितों की ओर से डॉ. भीमराव आंबेडकर महासभा ट्रस्ट ने श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल कुमार मिश्रा से मुलाकात की है। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने कारसेवक पुरम में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए चांदी की शिला भेंटकर भगवान श्रीराम को दलित आस्था का केंद्र बताया। 

प्रेस को बताया कि कारसेवक पुरम में अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने यह भी कहा कि भगवान राम सत्य, प्रेम, मर्यादा और सेवा के आदर्श हैं। उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश का दलित राम मंदिर निर्माण में सहयोग कर रहा है। इसी कड़ी में डॉ. आंबेडकर महासभा ट्रस्ट चांदी की शिला भेंटकर राम मंदिर निर्माण में अपना योगदान दिया है। 

डॉ. निर्मल ने आगे यह भी कहा कि राम मंदिर निर्माण से देश में सौहार्दपूर्ण संदेश गया है। हाशिए का समाज राम मंदिर निर्माण से उत्साहित है। आदिवासियों, गिरिवासियों और वंचित वर्गों को प्रथम सम्मान देने का काम मर्यादा पुरुषोत्तम ने ही किया। उन्हें मुख्य समाज से जोड़ने का भी अवसर दिया। यही वजह है कि भगवान श्रीराम देश के 131 करोड़ लोगों के दिलों में हैं। प्रभु श्रीराम का मंदिर अब अयोध्या में तैयार हो रहा है। भारत की आस्था और अटूट श्रद्धा के प्रतीक भगवान श्रीराम के मंदिर के प्रति प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी जी की प्रतिबद्धता के लिए आंबेडकर महासभा ट्रस्ट प्रदेश के दलितों की ओर से उनका कोटि-कोटि अभिनन्दन करता है। 

चांदी की शिला भेंट करने के दौरान डॉ. आंबेडकर महासभा ट्रस्ट के मंत्री अमरनाथ प्रजापति, दिलीप राय बलवानी, सर्वेश पाटिल, वीरेंद्र विक्रम सुमन, घनश्याम बेनकर, कामता प्रसाद, रमेश कुमार, प्रदीप कुमार, अरुणांचल गांधी, सुरेश चंद्रा, विजय कुमार सिंह और हनुमान धारिया भी मौजूद रहे।

नाममात्र सिल्वर इट का रहा वजन 

ट्रस्ट को जो सिल्वर का इट सौपा गया उसका वजन नाम मात्र का रहा है। जबकि उसका बॉक्स काफी भरकमा रहा है जो चर्चा का विषय बना रहा। 

राम मंदिर ट्रस्ट में ओबीसी दलित जनजाति को आनुपातिक रूप से जगह भले ही न मिली हो। लेकिन दान चंदा व समर्पण निधि देने में यह समाज व वर्ग दिल खोलकर धन रुपये दे रहा है। बता दे कि इस ट्रस्ट में ओबीसी अनुसूचित व जनजाति वर्ग के लोगो को पद नाम मात्र का ही मिला है जो एक रस्म अदायगी मात्र कही  जा सकती है।

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