आखिर कब थमेंगे सड़कों पर खुलेआम मौत बनकर दौड़ रहे ओवरलोड गन्ना ट्रालों के पहिये?
इमरान अहमद
मनकापुर गोण्डा: अब इसे प्रशासन की उदारता कहें या परिवहन विभाग की लुंजपुंग व्यवस्था जिसके चलते राहगीरों की मौत बनकर ओवरलोड लदे अवैध गन्नों के ट्रालें सड़कों पर खुलेआम दौड़ रहे हैं।मगर फ़िर भी जिम्मेदार अधिकारीयों की नज़र इस पर नहीं पड़ रही है।जिसका खामियाजा आए दिन राहगीरों को असमय ही काल के गाल में खुद को धकेल कर भुगतना पड़ रहा है।जिसका जीता जागता उदाहरण गुरुवार देर शाम मनकापुर-मसकनवा मार्ग पर घटी घटना है। जिसमे भाले सुलतान पुरवा निवासी राजू चौहान पुत्र उद्धव चौहान की ट्रैक्टर ट्राली की आने की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गयी। अब तक ऐसे ना जाने कितने लोग अपनी जान गंवा बैठे हैं। लेकिन कुंभकर्णी की नींद में सो रहे ज़िम्मेदार आंखें मूँद तमाशा देख रहें हैं
ज़िले में स्थित दतौली चीनी मिल व बजाज चीनी मिल में गन्ना धोने के लिए ट्राले लगाए गए हैं।जानकार बताते हैं की चीनी मिलों द्वारा गन्ना ढुलाई कार्य के लिए ठेकेदारों की मदद ली जाती है।जहां ठेकेदारों द्वारा गन्ना ढुलाई के लिए कृषि में पंजीकृत ट्रैक्टर ट्राला का उपयोग व्यवसायिक रूप से किया जा रहा है। जिससे राजस्व विभाग को तो चपत लगती ही है,साथ ही साथ भारी भरकम गन्नों से लदे अवैध ट्रालें राहगीरों के लिए जानलेवा साबित हो रहें हैं। हैसियत से ज़्यादा ट्रालों पर लदे गन्न्ने राह में चलने वाले मुसाफ़िरों के लिए मुसीबत बन रहें हैं। ये ट्राले जब सड़कों पर निकलते हैं तो पूरा सड़क कवर हो जाता है। जिससे आगे-पीछे से साइड लेकर निकलने वालों के लिए जोखिम हो जाता है। ट्रालो पर गन्ना लादने के बाद ट्राला चालक को भी दाएं बाएं या पीछे देखने की गुंजाइश नहीं होती है। साथ ही रात के समय में इन ट्रालों में रिफ्लेक्टर या लाइट ना होने के कारण इनको देखकर अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है कि इनसे कितना बचकर चला जाए। इसी चक्कर में ज्यादातर लोग इनकी चपेट में आकर अपनी जान गवां बैठते हैं।कम लागत में अधिक माल की ढुलाई करने व मोटी मलाई काटने के चक्कर में ठेकेदार धड़ल्ले से अवैध ट्रालों का प्रयोग कर रहें हैं।लेकिन अब शायद प्रशासन भी कुंभकर्णी की नींद में सो चुका है।और हादसों पर हुए जा रहे हादसों के बाद भी तमाशबीन बनकर रह गया है।
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