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प्रतापगढ़: पौराणिक शिवाला मंदिर पर चल रहे महोत्सव का हुआ समापन

रवि के आवाज जादू ने लगाया महोत्सव में चार चांद, कवियों की रचनाएं ने लोगों को गुदगुदाया

प्रस्तुति देने वाले कलाकारों के साथ उत्कृष्ट कार्य करने वाले समाज के तीन विभूतियों का हुआ सम्मान

एस के शुक्ला 

प्रतापगढ़। सदर विधानसभा क्षेत्र के पूरे ईश्वरनाथ की स्थिति पौराणिक शिवाला मंदिर पर चल रहे दो दिवसीय शिवाला महोत्सव का विराट कवि  सम्मेलन के साथ गुरुवार की देर रात समापन हो गया।


महोत्सव के दूसरे दिवस आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ भाजपा नेता शिव प्रकाश मिश्र सेनानी व पार्श्व गायक रवि त्रिपाठी एवं सदर विधायक राजकुमार पाल तथा सुबे के मंत्री के प्रतिनिधि पंडित दिनेश शर्मा द्वारा पंडित ओम प्रकाश पांडेय के मुखारविंद से वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ मां सरस्वती के पूजन अर्चन से हुआ।

इसके उपरांत कार्यक्रम में प्रस्तुति देने वाले कलाकारों व समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले समाजसेवी रोशनलाल उमरवैश्य व खेल के क्षेत्र में जिले का गौरव बढ़ाने वाले अंतरराष्ट्रीय हाकी खिलाड़ी अनवर खान तथा पत्रकारिता  के क्षेत्र में रोहित सिंह को अतिथियों द्वारा सम्मान पत्र व अंगवस्त्रम प्रदान कर सम्मानित किया गया।

इस दौरान द्वितीय दिवस के उद्घाटन अतिथि मुख्य वक्ता शिव प्रकाश मिश्र सेनानी ने शिवाला महोत्सव की सराहना करते हुए नित नई ऊंचाइयों छूने  की भगवान भोलेनाथ से कामना की।
इस दौरान सदर विधायक राजकुमार पाल ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि भोलेनाथ की कृपा अब हो चुकी है आगे से इस महोत्सव को और भी भव्य स्वरूप प्रदान किया जाएगा। इस मौके पर समीक्षा अधिकारी गृह विभाग उत्तर प्रदेश शासन लल्लन यादव, पार्श्वगायक रवि त्रिपाठी एवं शिव प्रकाश मिश्र सेनानी का आयोजक मंडल व महोत्सव के संरक्षक सदर विधायक राजकुमार पाल द्वारा स्मृति चिन्ह एवं सम्मान पत्र देकर स्वागत सम्मान किया गया। इसके उपरांत आवाज के जादूगर रवि त्रिपाठी ने जमुई का आजाद की रचना कथरी तोहार गुन उ जाने जो करे गुजारा कथरी में को गुनगुनाते हुए अन्य अवधी रचनाओं को अपने संगीत में जब सुनाया तो कार्यक्रम में चार चांद लगा और तालियों की गड़गड़ाहट से समूचा शिवाला परिसर गूंजमायन हो उठा। इसके उपरांत विराट का सम्मेलन की शुरुआत हुई जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ कवि प्रेम कुमार त्रिपाठी प्रेम तथा संचालन युवा साहित्यकार अनूप अनुपम ने किया। काव्य सम्मेलन की शुरुआत संगीतज्ञ पूजा प्रजापति के द्वारा सरस्वती वंदना के साथ हुआ। इसके उपरांत काव्य पाठ करते हुए डॉ० श्याम शंकर शुक्ल श्याम ने पढा -  नेकिया  कर लो जीवन सुधर जाएगा, पाप होंगे तो चित से उतर जायेगा। गीतकार सुनील प्रभाकर ने पढा- गणतंत्र में अधिकार है, सरकार बदल दे कर्तव्य निभाने की जतन कौन करेगा। अमेठी से पधारे कवि संतोष संगम में पढा- आज से पहले कभी ऐसा नहीं था इतना ज्यादा कीमती पैसा नहीं था। सपना मिश्रा वर्णिका ने पढ़ा - अपनी ताकत को आजमाओ तो कुछ बात बने तो वही अर्चना सिंह ने पढा- खाक सब कुछ किया इश्क में  इक तस्वीर तक नहीं छोड़ी । तो कार्यक्रम को ऊंचाइयों प्रदान हुई और लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से झूम उठे। इसके उपरांत काव्य पाठ करने वालों में रामचंद्र सरस,राजेश प्रतापगढ़ी, विक्टर सुल्तानपुरी एवं ताहिर अली हाशमी प्रमुख रहे। कार्यक्रम के अंत में महोत्सव के आयोजक परमानंद मिश्र एवं संयोजक  शिवेश शुक्ल ने सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर दयाशंकर शुक्ल, राजेश मिश्र ,आर० एन० शुक्ला,सीएम शुक्ला, धीरेंद्र तिवारी,धीरेंद्र शुक्ला रिंकू, मंगल पाल, पप्पू वर्मा, संतोष गुप्ता, अभिषेक वर्मा, इंद्रजीत शुक्ल, पंडित राम किशोर शुक्ल, गया प्रसाद शुक्ल, के ०के० यादव सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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