त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अपने हुए बेगाने
आलोक कुमार बर्नवाल
सन्तकबीरनगर। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ग्रामीण क्षेत्र का चुनावी मैदान होता है जहां कई जगह पर अपने ही कुर्सी पाने की राह में बाधा बन जाते है। कभी कभी यह चुनाव ही परिवार में दरार डाल देते है। हर स्तर के चुनाव में यह देखने को मिलता रहा है। वर्तमान समय में प्रदेश में प्रथम त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की शुरुआत हो चुकी हैं। प्रथम चरण के रण में सभी पार्टियों ने अपने अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारा हैं। ग्राम प्रधान पद पर कइयों ग्राम सभा में अपने ही अपने के बेगाने हो गए हैं। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कई ग्राम सभा ऐसे हैं कि इन्हें विरोधियों से लड़ने के साथ इन्हें अपनो से झूझना पड़ रहा है। अपने ही बगावत कर खुद रण में कूद गए हैं। तो कही साथ रहकर खेल बिगाड़ने में जुटा हैं।
इसी क्रम में सांथा ब्लॉक क्षेत्र के प्रतापपुर गांव निवासी रामसवारे व संतराम सगे भाई है। इस गांव के प्रधान पद की सीट अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित हैं। रामसवारे की पत्नी धर्मा देवी और संतराम की पत्नी गुड़िया ने जिस दिन प्रधान पद के लिए नामांकन किया। उसी दिन दोनों भाइयों को समझौता कराने के लिए गांव के लोग पंचायत करने के लगे लेकिन हाथ निराशा लगी कोई भी पीछे हटने के लिए तैयार नही हुआ। नामांकन पत्र वापसी के दिन ऐसे क़यास लगाए जा रहे थे कि कोई एक नामांकन पत्र वापस लेकर परिवार एकता कायम रखेगा, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। इसी ब्लॉक के ग्राम महला का भी यही हाल हैं। जहाँ खून ही खून का विरोध कर रहा है।
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