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Gonda:जिसका संरक्षक जिलाधिकारी हो, उसे न्याय पाने के लिए करनी पड़ रही मशक्कत ?


धानेपुर  गोंडा:शीर्षक के अंत में लगा प्रश्नवाचक चिन्ह ये आभास ज़रूर कराएंगे की आज के दौर में न्याय पाना आम जनता के लिए कितना कठिन है, ये कटु सत्य और भी पुख्ता हो जाता है जब जिलाधिकारी का संरक्षण प्राप्त मूक व्यक्ति बार बार थाने का चक्कर लगाता है।

थाना धानेपुर क्षेत्र अंतर्गत ग्राम उज्जैनी कला के रहने वाले दीना नाथ यादव तथा उसका भाई सितमशेर यादव जन्म से गूँगा है जिसके संरक्षण की जिम्मेदारी जिलाधिकारी गोंडा की है तथा देखभाल की जिम्मेदारी इनके चाचा राम चन्दर यादव उठाते हैं।

इन मूक व्यक्तियों की भूमि पर गाँव के ही राधेश्याम नाम एक व्यक्ति जबरिया कब्जा करने की कोशिश करता है जिसकी सूचना धानेपुर पुलिस को दी गयी थी वहां उन्हें सुझाव मिला था की एस.डी. एम का डायरेक्शन ले कर आइये कब्जा रुकवा दिया जाएगा उसके बाद भागदौड़ करके दीनानाथ उप जिलाधिकारी से आदेश ले कर थाने पर उपस्थित हुआ जिस पर पुलिस हरकत में आई और कब्जेदार को यथा स्थिति बनाये की हिदायत दी गयी किन्तु पुलिस की हिदायत का कब्जेदार राधेश्याम पर कोई असर नही दिखा पा रही है।

पुलिस के वापस जाते ही विपक्षी अपना कार्य शुरू करते है और शिकायत के बाद जब पुलिस पहुंचती है तो बन्द कर देते हैं।

इस आँख मिचौली के खेल से परेशान दीना नाथ के चाचा राम चन्दर का कहना है की डी.एम साहब का संरक्षण प्राप्त मेरे भतीजों को जब न्याय पाने के लिए बार बार थाने का चक्कर लगाना पड़ रहा है ऐसे में आम जनता को न्याय पाने के लिए की गयी शिकायत पर त्वरित कार्यवाही की बात करना बेईमानी साबित हो रही है।
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