पूर्वांचल की सबसे बड़ी वस्त्र मंडी बरदहिया बाजार लॉक डाउन में है "लॉक "
लॉक डाउन की वजह से बुनकरों पर दोहरी पड़ी हैं मार
आलोक कुमार बर्नवाल
सन्तकबीरनगर। बढ़ती कोरोना महामारी ने आम जनमानस में काफी नुकसान पहुँचाया है । पूर्वांचल की बरदहिया मंडी बंद होने से बुनकरों पर दोहरी मार पड़ी है।
बुनकरों की कमर तो बिजली सब्सिडी खत्म होने के बाद ही टूट गई थी, अब फैली कोरोना महामारी के कारण लगाए गए "कोरोना कर्फ्यू" के चलते हजारों बुनकरों पर दोहरी मार पड़ी हैं, एक के बाद एक पॉवरलूम बंद हो रहें हैं और बुनकर फाकाकशी को मजबूर हैं।
कोरोना संक्रमण के दौर में बुनकरों तैयार कपड़ें गोदामों में डंप पड़े हुए हैं।लिहाजा पूर्वाचल की सबसे बड़ी वस्त्र मंडी विगत दिनों से ही बंद हैं। इस जिले समेत अगल - बगल के तमाम जिले के बुनकर अपना सामान लेके यहाँ आते थे जिससे दूर दराज से चलकर आए व्यपारी यहाँ से सामान खरीद कर ले जाते थे जिससे यहाँ के बुनकरों को आमदनी हो जाती थी और जीविका चल जाती थी। लेकिन इस महामारी जहाँ पिछले 25 दिनों से बुनकरों की कमर तोड़ दी हैं वही चलने वाले पॉवरलूम बंद हो गए हैं। बुनकरों ने पिछले साल चार महीनों तक कोरोना महामारी के कारण पॉवरलूम बंद थे । पिछले वर्ष जुलाई माह में फ्लैट रेट पर बिजली का बिल जमा किए जाने की मांग को लेकर भी कामकाज ठप रखा था । जनपद के बखिरा ,मेंहदावल, अमरडोभा बुनकर बाहुल्य क्षेत्र हैं। जिले में लगभग 3 लाख लोग बुनकर के इस परम्परगत कारोबार से जुड़े हैं इसमें से कई लोग दूसरे काम कर के अपने जीविकोपार्जन कर रहे हैं।लॉक डाउन के बीच पावर लूम में सबसे ज्यादा महत्व रखने वाला धागा भी महंगा हो गया हैं। महाराष्ट्र गुजरात, हैदराबाद, नेपाल,के साथ अपने जिले में भी आने वाला धागा महंगा हो गया हैं। कोरोना महामारी और बंद बरदहिया बाजार की वजह से 90 प्रतिशत पॉवरलूम बंद हो चुके हैं।
बुनकर मुनीर अंसारी कहते हैं यहाँ के कपड़े कई राज्यों में जाते हैं, जिले में साप्ताहिक लगने वाला बरदहिया बाजार में कई राज्यों से आकर व्यापारी यहाँ के कपड़े खरीद कर ले जाते हैं। लेकिन महामारी की वजह से बरदहिया बाजार बंद हैं जिससे हम लोगों के रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया हैं।
बुनकर खरुल्लाह अंसारी बताते हैं कि पिछले वर्ष भी लॉक डाउन ने हम लोगो की कमर तोड़ दी लेकिन उसके बाद थोड़ा सुधार हुआ फिर महामारी ने पाव पसार लिया। कारोबार एकदम ठप पड़ गया ,बरदहिया बाजार बंद होने के कारण हम बुनकरों की कमर टूट गई हैं।
यह है बुनकरो की डिमांड
● जैसे और गरीबों के खाते में सरकार पैसा भेज रही हैं वैसे बुनकरों के खाते में भी पैसा भेजे
● सस्ते ब्याज दर पर बुनकरों को लोन उपलब्ध कराया जाए।
● मजदूरों को आर्थिक रूप से मदद की जाए।
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