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नेपाल: संसद का पुनर्गठन होते ही राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाया जाना चाहिए: सांसद अभिषेक प्रताप शाह

संसद बहाली व देउबा को प्रधानमंत्री नियुक्त करने के आदेश पर सांसद अभिषेक प्रताप शाह के नेतृत्व में कृष्णानगर में दीप जलाकर मनाई खुशियां

विकास सिंह

सिद्धार्थनगर:पड़ोसी राष्ट्र नेपाल की सर्वोच्च अदालत द्वारा प्रतिनिधि सभा (संसद) की पुनर्स्थापना कर नेपाली कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा को नया प्रधानमंत्री नियुक्त किये जाने के फैसले के बाद सीमावर्ती कस्बा कृष्णानगर में सोमवार की रात नेपाली कांग्रेस के केंद्रीय सदस्य व स्थानीय सांसद अभिषेक प्रताप शाह के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने दीप प्रज्ज्वलित कर खुशियां मनाई। इस दौरान सांसद अभिषेक प्रताप शाह ने कहा कि सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद संसद का पुनर्गठन होते ही राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाया जाना चाहिए।

           


बताते चलें कि बीते साल 20 मई को नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सिफारिश पर राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने नेपाल के प्रतिनिधि सभा (संसद) को भंग कर मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा की थी। जिसके बाद नेपाली कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने 149 सांसदों के हस्ताक्षर सौंपते हुए उक्त निर्णय के खिलाफ सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर की थी।

जिसकी सुनवाई करते हुए पांच महीनों में दूसरी बार भंग प्रतिनिधि सभा (संसद) को बहाल किया गया। बीते 12 जुलाई, सोमवार को प्रधान न्यायाधीश चोलेन्द्र शम्शेर जबरा के नेतृत्व वाली खंडपीठ ने संसद को एक बार फिर से बहाल करने और शेर बहादुर देउबा को प्रधानमंत्री नियुक्त करने का आदेश दिया है। सर्वोच्च अदालत ने 23 फरवरी को भी प्रधानमंत्री ओली को झटका देते हुए भंग की गई प्रतिनिधि सभा को बहाल करने के आदेश दिए थे।सर्वोच्च अदालत द्वारा राष्ट्रपति के फैसले को पलट दिए जाने के समर्थन में नेपाली कांग्रेस के केंद्रीय सदस्य व सांसद अभिषेक प्रताप शाह के नेतृत्व में सीमावर्ती कृष्णानगर कस्बा स्थित गोल घर चौराहे पर स्थानीय नेताओं ने दीप जलाकर खुशियां मनाई।

सांसद अभिषेक प्रताप शाह ने कहा कि शेर बहादुर देउवा के नेतृत्व में नेपाली कांग्रेस की सरकार बनने से भारत-नेपाल संबंधों में हाल के दिनों में आई कड़वाहट में समाप्त होगी और एक बार फिर से दोनों के बीच प्रगाढ़ता होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान केपी ओली सरकार द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की जांच कर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। इस दौरान एकत्र लोगों ने निवर्तमान प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली व राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान रमाकांत सिंह, कौशलेंद्र चतुर्वेदी, अजीत सिंह, किफ़ायतुल्लाह खान, सूर्य प्रताप सिंह, प्रशांत, मनोज चतुर्वेदी, प्रद्युम्न, जाकिर अहमद आदि मौजूद रहे।

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