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सरकार की मंशा को विफल करने में जुटे कोटेदार के साथ पूर्ति निरीक्षक बभनजोत

   

दुर्गा सिंह पटेल 

बभनजोत गोंडा:प्रदेश में जहां एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्रवाई से भ्रष्टाचारियों के पसीने छूट रहे हैं तो वहीं विकास खंड बभनजोत में सरकार द्वारा दिये जा रहे मुफ्त राशन को कोटेदार द्वारा डकारने का मामला सामने आया है कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने गरीबों के लिए मुफ्त खाद्यान्न वितरण करवा रही है ताकि कोई गरीब भूखा न सोये लेकिन सरकार द्वारा दिये जा रहे गरीबों के मुंह के निवाले को कोटेदार व पूर्ति निरीक्षक बभनजोत मिल बांट कर डकार रहे हैं और सरकार की मंशा को विफल करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं



पूरा मामला ग्राम पंचायत बढ़ौलीपुर विकास खंड बभनजोत जनपद गोंडा का है जहां कार्डधारकों ने डीएम गोंडा को दिये प्रार्थना पत्र के साथ शपथपत्र में कोटेदार व पूर्ति निरीक्षक बभनजोत पर आरोप लगाया है कि जब सरकार फ्री राशन दे रही है तो उन्हें कम क्यों दिया जा रहा है।

आरोप


कार्डधारकों ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में कोटेदार गरीबों के राशन में तीन से पांच किलो राशन कम देते हैं जब इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन तथा एसडीएम मनकापुर के साथ जिलाधिकारी गोंडा को शपथपत्र के साथ शिकायत किया गया है लेकिन पूर्ति निरीक्षक बभनजोत अभी भी मामला संज्ञान में न होने का बहाना दे रहे हैं 


सरकार की अतिमहत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल योजना को कोटेदार के साथ मिलकर पूर्ति निरीक्षक बभनजोत विफल करने में शायद कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं


ग्रामीण अजरुन निशा, कलावती, मालती देवी ,माया देवी, मारूफ,अकबर  अली ,मोहम्मद नौशाद ,शोहबता, मजीबुल्लाह ,सीमा देवी, उषा देवी सहित दर्जनों कार्डधारकों ने आरोप लगाया है कि अन्तोदय  राशन कार्ड पर मुफ्त दिए जा रहे राशन में तीन किलो राशन कम दे रहे हैं और पूरा राशन देने के लिए पैसे की डिमांड करते हैं जब कोटेदार को पैसे दो तभी पूरा राशन देते हैं। हम लोगों ने इसकी शिकायत पूर्ति निरीक्षक बभनजोत से की है । लेकिन पूर्ति निरीक्षक कोटेदार से मिलकर मामले को रफा-दफा करने में लगे हैं गांव के गुलाब चंद्र ने कोटेदार पर आरोप लगाया कि राशन लेने जाओ तो गाली गलौज व कोटा छोड़ने की धमकी दे रहे हैं।


वहीं इस प्रकरण में कोटेदार से वार्तालाप की गई तो कोटेदार ने बताया कि हम कार्डधारकों को एक किलो राशन कम देते हैं हमें भी राशन कम मिलता है

ऐसे में यह सवाल उठता है कि आखिर स्टाक का सत्यापन करने वाले अधिकारी जब स्टाक में राशन कम रहता है तो सत्यापन के दौरान कोटेदार पर कार्रवाई क्यों नहीं करते हैं 


अब देखना यह होगा कि सरकार जहां लोगों को फ्री राशन मुहैया कराने का दावा कर रही है 

और प्रशासन के लोग घटतौली के खिलाफ कोटेदारों पर सख्त कार्रवाई करने की ताल बजाते हैं 


ऐसे कोटेदार व मिलीभगत वाले पूर्ति निरीक्षकों पर किस तरह की कार्रवाई की जाएगी

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