ए. आर. उस्मानी
गोण्डा। मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा मंगलवार को जश्ने ईद मिलादुन्नबी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया, लेकिन कोतवाली देहात के खोरहंसा चौकी क्षेत्र में पुलिस ने जुलूस नहीं निकलने दिया। हालांकि जिलेभर में मुसलमानों ने शान से जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला।
ईद मिलादुन्नबी इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने की 12वीं तारीख को पड़ता है।
मान्यताओं के अनुसार रबी अव्वल की 12वीं तारीख को ही हजरत मोहम्मद साहब का जन्म हुआ था। इसीलिए मुस्लिम समुदाय के लोग इस दिन को बड़े ही धूम-धाम से मनाते हैं। हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन को पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व को बारावफात या ईद मिलादुन्नबी कहते हैं। इस मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोग रातभर मस्जिदों में इबादत करते हैं और जलसा (इस्लामिक सभा) का आयोजन होता है। इसमें मोहम्मद साहब की शान में नज़्में पढ़ी जाती हैं। तमाम जगहों पर जुलुस भी निकाले जाते हैं। इस दिन मस्जिदों व घरों में कुरान को खासतौर पर पढ़ा जाता है।
जिले के तमाम इलाकों में आज बहुत ही अदब व एहतराम के साथ जुलूसे मोहम्मदी निकाला गया। मोतीगंज क्षेत्र के सिसवरिया, कस्टुआ समेत अन्य गांवों के साथ ही काजीदेवर में भी हर्षोल्लास के साथ जुलूसे मुहम्मदी निकाला गया। इसके साथ ही जिले के अलग अलग क्षेत्रों में मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा जुलूस निकाला गया लेकिन खोरहंसा में पुलिस ने जुलूस नहीं निकलने दिया।
इससे न सिर्फ लोगों में मायूसी देखने को मिली बल्कि इलाके के तथाकथित मुस्लिम समाज के नेताओं की भी खूब किरकिरी हुई।
बताया गया कि रात में ही एक्स्ट्रा मजिस्ट्रेट ने सख्त हिदायत दी कि किसी भी कीमत पर जुलूस नहीं निकलेगा। इस पर पुलिस ने अमल करते हुए चिश्तीपुर से लेकर खोरहंसा तक चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात कर दिया और जुलूस नहीं निकलने दिया।
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