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सम्पूर्ण विश्व में श्रेष्ठ थी भारतीय संस्कृति :मुनीश जी

शैक्षिक संगोष्ठी एवं भारत माता पूजन कार्यक्रम का हुआ आयोजन

वेद व्यास त्रिपाठी

प्रतापगढ़। अमृत महोत्सव के अंतर्गत महोत्सव आयोजन समिति की ओर से एमडीपीजी कॉलेज में शैक्षिक संगोष्ठी एवं भारत माता पूजन कार्यक्रम आयोजित किया गया। 


कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के काशी प्रान्त के सह प्रान्त प्रचारक मुनीश ने कहा कि भारतीय संस्कृति सम्पूर्ण विश्व में श्रेष्ठ थी। भारत अतुलित धन संपदा के साथ श्रेष्ठ ज्ञान का राष्ट्र था। 


शक यवन कुषाण हुण आदि विदेशी आक्रांता भारत की विपुल संपदा के हरण के उद्देश्य से भारत आए किन्तु भारत की आध्यात्मिकता और ज्ञान से प्रभावित होकर भारतीय संस्कृति को आत्मसात कारण उसका हिस्सा बन गये।


मुख्य वक्ता के रूप में समिति के संयोजक डॉक्टर पीयूष कान्त शर्मा ने कहा कि अमृत महोत्सव के आयोजन से भारत का स्वत्व जागरण का उद्देश्य पूरा हो सकेगा। किसी राष्ट्र का गौरव तभी जाग्रत रहता है जब वह अपने अतीत के गौरव तथा स्वाभिमान की परंपरा से जुड़ा रहता है और अपनी संततियों को इसके लिए प्रेरित करता है। 


कार्यक्रम के अध्यक्ष के रूप में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफ़ेसर मनोज मिश्र ने कहा कि वर्तमान पीढ़ी राष्ट्र का भविष्य हैं इन्हें अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के विषय में बताया जाना अति आवश्यक है। 


भारत विदेशी व्यापारियों के फलस्वरूप विपुल संपदा हासिल कर विश्व का सबसे संपन्न राष्ट्र था इसी कारण इससे सोने की चिड़िया कहा गया परन्तु अंग्रेजों ने भारत को पिछड़ा और ग़रीब ही लिखा। 


हमें अंग्रेजों द्वारा लिखित इतिहास को ने नीर क्षीर विवेक के साथ ही पढ़ना होगा। संगोष्ठी का संचालन समिति के सह संयोजक प्रभा शंकर पांडेय ने किया। गोष्ठी का समापन भारत माता पूजन एवं भारत माता आरती से हुआ। 


कार्यक्रम में समिति के पालक डॉक्टर सौरभ पाण्डेय , राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विभाग प्रचारक प्रतोष जी, देवदत्त जी ,विजय पांडेय सहित अनेको छात्राएँ उपस्थित रही।

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