पं श्याम त्रिपाठी
नवाबगंज (गोंडा) क्षेत्र में गौ-सेवा योजना के अंतर्गत शाहपुर गांव में गौ आश्रय केंद्र संचालित किया जा रहा है। लेकिन यहां की स्थिति बदहाल है!
इस गौ आश्रय केंद्र में गौवंशो को न तो ठंड से बचाव का कोई इंतजाम है और न ही उनके खाने के लिए कोई व्यवस्था है। ठंड के मौसम में गौवंश गंदा ठंडा पानी पीने के लिए विवश हैं।
पशु आश्रय पर बनाया गया पशुशेड खुला हुआ है।शाम से चलने वाली ठंडी हवा व रात में पशु खुले में रहने से ठिठुर रहे हैं।
ठंड के बढ़ते प्रभाव के साथ पशुओं को ठंड से बचाने के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं किया गया है। चारे का भी कोई उचित प्रबंध नहीं है।
मौके पर एक भी दाना भूसा व अन्य चारा मौजूद नहीं मिला। चौकीदार विरेन्द्र पाठक ने बताया कि इस समय गौशाला में 82 गौवंश हैं।
बीते छ: जनवरी को 28 कुंतल भूसा मंगवाया गया था।जोकि आज समाप्त हो गया है। खंड विकास अधिकारी से भूसा और मंगाने को कहा गया है।
मौके पर एक गौवंश की मौत भी हो गई थी। इस संबंध में खंड विकास अधिकारी राघवेन्द्र प्रताप सिंह नें बताया कि भूसा मंगवाया गया है शाम तक पहुंच जायेगा।ठंड से बचाव के लिए अलाव की व्यवस्था कराई गई है।
उन्होंने बताया कि 60 जानवर की क्षमता वाले गौशाला में इस समय 80 से ऊपर गौवंश मौजूद हैं। योगी सरकार की इस योजना की हालत बद से बद्तर है। न तो गौ-वंशो पेट भर चारा मिल पा रहा है और न ही ठंड से बचाव का कोई इंतजाम है।
पीने के लिए शुद्ध पानी की व्यवस्था नहीं है। गौशाला में जानवर तिल तिल मरने के लिए मजबूर हैं।
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