गौरव तिवारी
प्रतापगढ़ के लालगंज क्षेत्र के पितम्बर दुबे का पुरवा मोठिन मे हो रही श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ मे रविवार को श्रद्धालुओं का आध्यात्मिक समागम दिखा।
कथाव्यास प्रयागराज से पधारे आचार्य संतोष जी महराज ने कहा कि कथा श्रवण का सौभाग्य स्वयं जीवन मे पुण्य के उदय के सौभाग्य का चक्र ले आया करता है।
उन्होंने कहा कि भगवान् श्रीकृष्ण ने जगत के कल्याण के लिए आतताईयों के वध का मार्ग प्रशस्त करते हुए सदैव धर्म की विजय होते रहने का शाश्वत संदेश दिया है।
उन्होंने कहा कि कृष्ण नाम का जप मात्र साधना है। आचार्य संतोष जी महराज ने कहा कि भागवत कथा के श्रवण से हमें जीवन के सुमार्ग पर नैतिकता के बंधन मे बंधे रहने का आभास कराया करती है।
उन्होंने कहा कि आराधना चेतना का प्रतिबिम्ब है। कथा के दौरान रूक्मणी विवाह का प्रसंग सुन महिला श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध देखा गया।
कथा के बीच भक्तिमय संगीत व भजन मे भी श्रद्धालु रमे दिखे। कथा का संयोजन करते हुए पं. रामेश्वर प्रसाद त्रिपाठी ने कथा व्यास का श्रीअभिषेक किया।
सह संयोजक धर्मेन्द्र तिवारी, दीपक तिवारी, सुधाकर पाण्डेय, तपन पाण्डेय द्वारा श्रद्धालुओं को भी रोली तिलक लगाकर सम्मानित किया गया।
इस मौके पर राजेश तिवारी, राजू शुक्ला, केदारनाथ तिवारी, राजेश मिश्र, उमेशचंद्र उपाध्याय, रमारमण शुक्ल, गुडडू द्विवेदी, आशीष मिश्र, नारेन्द्र तिवारी, मुन्नू दुबे, प्रकाश पाण्डेय आदि रहे।
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