ज्ञात हो हरिओम पिछले कईं वर्षों से सामाजिक कार्यों के साथ-साथ धार्मिक कार्यों में भी अग्रणी भूमिका निभाते रहे हैं।
हरिओम ने बताया कि धर्म शास्त्रों से ही मुझे समाजसेवा की प्रेरणा मिली है। जिसे मैं ईश्वर का आदेश मानकर निरंतर निभाता आ रहा हूं। उनके अनुसार वे समाजसेवा को ही अपने जीवन का उद्देश्य मानते है तथा इस पुनीत कार्यों से उन्हें आत्मिक सुख की प्राप्त होती है।
समाजसेवी के अनुसार इस युवा संवाद कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आज के युवा वर्ग को अपने सनातन संस्कृति को बढ़ावा देना है।
हरिओम के सहायक अवधेश मालवीय ने बताया कि यह कार्यक्रम विशेष रूप से युवाओं के लिये है। जिसका विशेष प्रसारण आगामी 20 अप्रैल से 24 अप्रैल तक सुबह 10 बजे से संस्कार टीवी चैनल पर किया जायेगा।
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