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छात्रहितों से विमुख होता विश्वविद्यालय प्रशासन



वेदव्यास त्रिपाठी

प्रतापगढ़ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एमडी पीजी कालेज इकाई के नेतृत्व में सैकड़ो विद्यार्थियों ने कॉलेज गेट पर रज्जुभैया विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा पैटर्न में आकस्मिक परिवर्तन किये जाने के विरोध में नारेबाजी की और विरोध प्रदर्शन किया तथा विश्वविद्यालय के कुलसचिव को सम्बोधित ज्ञापन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ मनोज मिश्रा को सौपा।


कालेज इकाई मंत्री प्रशांत पांडेय ने कहा कि विगत दो वर्षो से देश भर में कोविड-19 के प्रकोप के कारण शैक्षणिक संस्थान बन्द रहे हैं।


2021 के अन्त में कोविड 19 के गाइड लाइन का पालन करते हुए महाविद्यालयों में अध्ययन-अध्यापन कार्य प्रारंभ किये गए जिससे विद्यार्थियों में खुसी का माहौल था।

महाविद्यालय के सूचना अनुसार वर्ष 2021-22 में ग्रेजुएशन के प्रत्येक  विषयों में कोई एक प्रश्न पत्र वस्तुनिष्ठ प्रकार के होने थे जिसके आधार पर विद्यार्थी अपनी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। 


लेकिन परीक्षा के दिन अत्यंत निकट होने पर अचानक विश्वविद्यालय के जनसूचना अधिकारी द्वारा सभी विषयों की परीक्षा लिखित होने की सूचना दिए जाने से विद्यार्थियों में असंतोष व निराशा का भाव उतपन्न हो गया है। 


विद्यार्थियों का मानना है कि यदि लिखित परीक्षा प्रणाली अचानक अपनाई गई तो विद्यार्थियों को पुनः परीक्षा की तैयारी के लिए समय बहुत कम मिलेगा और बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। 



जैसे-विश्वविद्यालय द्वारा जारी की गई सीरीज भी वस्तुनिष्ठ प्रश्नों पर आधारित है। तैयारी हेतु विषयवार पुस्तकों को क्रय करने हेतु हजारों विद्यार्थियों को आर्थिक संकट का भी सामना करना पड़ेगा। जिससे विद्यार्थी का परीक्षाफल व भविष्य दोनों प्रभावित होगा। 


तृप्ति सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा हजारों विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य को ध्यान में रखते हुए ही शैक्षिक फैसले लिए जाने चाहिए। अचानक इस प्रकार के फैसले लिए जाना विश्वविद्यालय प्रशासन का छात्रहितों से विमुख होना दर्शाता है। 


विश्वविद्यालय प्रशासन विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न करें। हम सभी विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता व सभी छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग करते हैं कि विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष की परीक्षा प्रणाली को पूर्व निर्धारित प्रणाली के अनुसार ही सम्पन कराया जाए जिससे हजारों विद्यार्थियों का भविष्य सुरक्षित हो सके। 


यदि विश्वविद्यालय अपने फैसले नही बदलती है तो विद्यार्थी आंदोलन को बाध्य होंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।


इस दौरान प्रान्त एसएफडी सहसंयोजक अनिकेत तिवारी, विभाग संयोजक सुधांशु रंजन मिश्रा,जिला संयोजक रमेश सिंह पटेल,सहसंयोजक अमरमणि मिश्रा, शशांक,अमित यादव,अनामिका सिंह,तृप्ति सिंह,मानसी सिंह,अंजलि,मुस्कान,गार्गी पांडेय,यसराज सिंह,अमित प्रजापति,अभिषेक मिश्रा,शिवम पांडेय,देवमणि पांडेय,शिवम तिवारी,आशुतोष केशरवानी आदि विद्यार्थी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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