अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर जनपदीय जागरूकता कार्यक्रम हेतू पहुचें रूरल डेंटल सोसाइटी फ़ॉर ओरल डिजीज प्रिवेंशन एन्ड क्योर संस्था के उपाध्यक्ष डॉ राजशेखर यादव ने विभिन्न जगहों पर जागरूकता कार्यक्रमों के दौरान बताया कि तम्बाकू ना केवल स्वास्थ्य अपितु पर्यावरण को भी गंभीर नुकसान पहुँचाता है।
डॉ राजशेखर ने बढ़ते तम्बाकू सेवन पर चिंता जताते हुए बताया की प्रतिदिन लगभग ढाई हजार लोग तम्बाकू जनित कैंसर से अपनी जान गवां रहे है और अगर ऐसे ही सेवन कि दर बढ़ती रही तो कोरोना व अन्य महामारी से भी ज्यादा भयावह स्थिति पैदा हो जाएगी। उन्होंने कहा कि हृदय रोग, अन्य कैंसर, स्ट्रोक, श्वसन तथा फेफड़े की बीमारी जैसे आठ प्रमुख मौत के कारणों में से छह के लिए अकेला तम्बाकू ज़िम्मेदार है। बच्चों में बढ़ती तम्बाकू की लत पर चिंता ब्यक्त करते हुए व ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे का हवाला देते हुए डॉ राजशेखर ने बताया कि उत्तर प्रदेश में लगभग 9 साल की उम्र से बच्चे धुम्रपान का सेवन शुरू कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि ज्यादातर धूम्रपान लोग घर पर कर रहे हैं जो लगभग 37.4 प्रतिशत है, विद्यालयों में 13.5 प्रतिशत व दोस्तों के साथ 19.8 प्रतिशत की दर से धूम्रपान शुरू हो रहा है। सर्वे के अनुसार 13 से 15 साल की उम्र के प्रत्येक 10 विद्यार्थियों में से 2 लड़के व एक लड़की द्वारा धूम्रपान शुरू किया जा रहा है जो अगली पीढ़ी को खोखला करने का एक मुख्य कारण बनेगा। रूरल डेंटल सोसाइटी ने जनपद बलरामपुर में 300 से ज्यादा स्कूलों में जागरूकता अभियान चलाकर बच्चों में जागरूकता फैलाने के साथ तम्बाकू मुक्त विद्यालय परिसर घोषित किया है। धूम्रपान करने वाले के फेफड़े में 30 प्रतिशत व बाकी 70 प्रतिशत धुँआ वातावरण में रहता है जो अन्य लोगों व पर्यावरण को नुकसान पहुँचता है। वहीं तम्बाकू खाने वाला भी इधर उधर थूक कर वातावरण को भारी नुकसान पहुँचा रहे हैं। तम्बाकू की लत छुड़वाने के लिए परिवारजन, मित्रमंडली व खुद की दृढ़ इच्छाशक्ति की ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
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