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ईसानगर के नारीबेहड़ में कटान करते हुए पहुचीं घाघरा नदी



दहशत के बीच ग्रामीणों ने नदी के तट पर आमरण अनशन करने की दी चेतावनी

आयुष मौर्य

धौरहरा खीरी:ईसानगर क्षेत्र में लगातार बरसात के बाद उफनाई घाघरा नदी का जलस्तर कम होते ही नदी ने कटान तेज करते हुए कई गांवों की कृषि योग्य जमीनों को अपने आगोश में लेते हुए ईसानगर के नारीबेहड़ गांव की तरफ अपना रुख कर दिया है। जिसको देख ग्रामीणों दहशत में है।


वहीं प्रशासन की बेरुखी देख गुरुवार को ग्रामीण तिरंगा लेकर नदी के तट पर पहुचकर जल्द ही युद्ध स्तर पर काम शुरू व कटान न रोकने पर आमरण अनशन की चेतावनी दे दी है।

ईसानगर क्षेत्र में सप्ताह भर पहले हुई मूसलाधार बरसात के बाद उफनाई घाघरा नदी का जलस्तर कम होते ही नदी ने सैकड़ों बीघा कृषि योग्य जमीनों को अपने आगोश में लेते हुए नारीबेहड़ गांव तक पहुच गई।


जिसको देख भयभीत ग्रामीणों ने गुरुवार को गांव के बाहर नदी तट पर तिरंगा लेकर प्रदर्शन करते हुए प्रशासन से जल्द ही युद्ध स्तर पर बचाव कार्य शुरू कर कटान रोकने की मांग की है,साथ ही जल्द ही कटान न रोके जाने पर आमरण अनशन की चेतावनी भी दी है।

वहीं गांव को खतरे में देखते हुए भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी एवं किसान व ग्रामवासी अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि आज नदी के तट पर जाकर सभी लोगों ने  मुख्यमंत्री  से निवेदन किया है,कि अन्नदाता किसानों के घर बचाऐ जाएं, उनका दर्द देखा जाए। 


हम लोगों के आशियाने बचाए जाएं, नहीं तो सभी मिलकर आमरण अनशन धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे। जिसकी सारी जिम्मेदारी शासन एवं प्रशासन की होगी। 


इस दौरान पूर्व प्रधान विश्या सेन वर्मा, अनिल वर्मा, विपिन वर्मा, तीरथ राम, रामजीत, संतराम,जगन नारायण,जनक दुलारी,मुरलीधर वर्मा समेत अन्य सैकड़ों ग्रामवासी मौजूद रहे। 


इसके साथ साथ क्षेत्र के मिर्जापुर समेत अन्य गांवों में कृषि योग्य जमीन को कटता देख ग्रामीणों में आक्रोश बना हुआ है।



बाढ़ खंड के कार्यों से संतुष्ट नहीं ग्रामीण


घाघरा नदी द्वारा किए जा रहे कटान को लेकर बाढ़ खंड शारदा नगर द्वारा बचाव के लिए किए जा रहे कार्यों से ग्रामीण संतुष्ट नहीं है। इस बाबत किसान नेता मुरलीधर वर्मा ने बताया कि बचाव के नाम पर बाड़खण्ड केवल खानापूर्ति करते हुए पेड़ों की डालें व मिट्टी से कटान रोकने का प्रयास कर रहा है उससे कटान रुकना नामुमकिन है। 


अगर जल्द ही प्रशासन इस ओर बड़ा कदम उठाकर युद्ध स्तर पर बचाव कार्य शुरू नहीं करेगा तो नारी बेहड़ समेत आस पड़ोस के गावों का नाम भारत के नक्से से ही मिट जायेगा। 


वहीं इस बाबत एई बाढ़खण्ड शारदानगर एचआर वर्मा ने बताया की अधिशाषी अभियंता के साथ कटान का निरीक्षण किया जा रहा है। निरीक्षण के बाद कटान रोकने के प्रभावी कदम उठाएं जाएंगे।

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