रजनीश / ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। नगर के गुड़ाही बाजार में स्थित श्रीराम लीला भवन में शनिवार की रात कलाकारों द्वारा नवीनतम ढंग से सती वृंदा व नारद मोह की लीला का मंचन किया गया।
रामलीला मंचन के दौरान दिखाया गया कि दानवराज जालंधर ब्रह्मा विष्णु महेश व देवराज इंद्र से युद्ध कर विजय करके अपने पत्नी वृंदा के साथ भवन में विश्राम कर रहा होता है, तभी राहु आकर जालंधर को सावधान करता है कि पुनः देवताओं की सेना आक्रमण करने आ रही है।
नारदमुनि घबराएं हुए क्षीर सागर में भगवान विष्णु को बताते हैं कि जालंधर को पराजित असंभव है नारद उपाय बताते है कि यदि छल से जालंधर पत्नी सतिवृंदा का सतित्व भंग हो जाये तो जालंधर का वध हो जायेगा।
विष्णू जी जालंधर भेष में वृंदा के पास पहुंचकर सतित्व भंग करते हैं। उधर, भगवान शंकर जी और जालंधर में घनघोर युद्ध में जालंधर का वध हो जाता है। उसके बाद कलाकारों ने नारद मोह की लीला का मंचन किया।
इसमें दिखाया गया कि नारद जी को कामदेव पर विजय प्राप्त करने के बाद अपने स्वरुप पर घमंड हो जाता है और राजा सीलनिधि की पुत्री पर मोहित हो जाते हैं उससे विवाह के लिए प्रस्ताव लेकर विष्णु भगवान के पास जाते भगवान को सारी लीला समझ में आती है और नारद मुनि को वानर का मुख दे देते है। और स्वयं राजा की पुत्री से वरमाला डलवा लेते यह देख नारद मुनि को क्रोध आ जाता है। और विष्णु भगवान को श्राप दे देते है। तभी मायाजाल सामाप्त हो जाता है।
जालंधर का अभिनय कन्हैया लाल वर्मा, शंकर का अभिनय अभिनय महंत गिरजा शंकर गिरी, राहु का जीतेंद्र पटवा, विष्णु का रिंकू पुरवार, नारद का आयुष सोनी, रूद्रगण का अनुज जायसवाल व दिलखुश वैश्य, विशाल कौशल ने किया।
सिंगारकर्ता रितेश सोनी, लीला निर्देशक से भगवान साह, शिवनंदन वैश्य, अभिषेक पुरवार, संरक्षक रामजीलाल मोदनवाल आदि रहे।
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