कहीं मेल तो कहीं भंडारे का हुआ आयोजन
अखिलेश तिवारी
बलरामपुर । जनपद के सभी भागों में हरतालिका तीज कजरी तीज बड़े हर्षोल्लास के साथ शांति पूर्वक मनाया गया । आज जिले के सभी शिव मंदिरों पर शिव भक्तों का तांता लगा रहा । देर रात से ही शिवभक्त कावड़ लेकर मंदिरों कोई ओर रवाना हो चुके थे । तमाम शिव भक्त गाजेबाजे के साथ कांवड़ लेकर शिव मंदिरों की ओर जाते दिखाई दिए ।
जानकारी के अनुसार हरतालिका तीज का पर्व काफी पौराणिक हैं इसे क्षेत्रीय भाषा में कजरी तीज भी कहा जा रहा जाता है । भादो मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाने वाला यह पर्व कजरी तीज के नाम से क्षेत्र में विख्यात हैं । आज के दिन सुहागिन औरतें अपने पति की लंबी उम्र के लिए निराजल व्रत रखकर दिन में 3 बार भगवान शिव को जल अर्पित कर शिव आराधना करती हैं तथा सायंकाल माता गौरी का विधिवत पूजन करने के उपरांत देर रात जल ग्रहण करती हैं । मान्यता है कि माता गौरी ने आज ही के दिन भगवान शिव को पाने के लिए निराजल तपस्या किया था और माता गौरी की कठिन तपस्या के उपरांत आज ही के दिन भगवान शिव ने उन्हें वरदान भी दिया था । ऐसी मान्यता है कि जो सुहागिन औरतें हरतालिका व्रत करती हैं उनका अखंड सोभाग्य बरकरार रहता है । जिले के तीनों तहसील मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों के सभी शिव मंदिरों पर भोर सुबह से ही जलाभिषेक का क्रम शुरू हुआ जो निरंतर देर रात तक चलता रहा । कजरी तीज के अवसर पर कई जगह क्षेत्रीय मेले का भी आयोजन हुआ जो पारंपरिक ढंग से बरसों से होता रहा है । हजारों की संख्या में शिव भक्त राप्ती नदी से जल लेकर बलरामपुर उतरौला मार्ग पर राजापुर भरिया जंगल में स्थित कल्पेश्वर नाथ महादेव के मंदिर में जाकर जलाभिषेक किया । इस मंदिर के विषय में कहा जाता है कि यहां का शिवलिंग स्वयंभू है अर्थात जमीन से स्वयं प्रकट हुआ है । इसे स्थापित नहीं किया गया है । इस क्षेत्र में इस मंदिर का विशेष महत्व है । इसके अलावा मुख्यालय का झारखंडेश्वर महादेव, पोखरांनाथ महादेव रेणुका नाथ महादेव पोकरण नाथ महादेव प्रकारेश्वर नाथ महादेव मथुरा बाजार का गौरी शंकर मंदिर उतरौला के नागेश्वरनाथ मंदिर पचपेड़वा के शिवगढ़ धाम स्थित महादेव मंदिर के साथ साथ ललिया, शिवपुरा, बरदौलिया, बलदेव नगर हर्राया, तुलसीपुर, गौरा, श्रीदत्तगंज के क्षेत्रों में स्थापित विभिन्न शिव मंदिरों पर बड़ी संख्या में शिव भक्तों ने भगवान शिव का जलाभिषेक किया । भोर सुबह से ही पूरे दिन हर-हर महादेव के जयकारों से वातावरण गुंजायमान हो रहा था । अभी हाल ही में जिले के अधिकांश इलाकों में भीषण बाढ़ की त्रासदी होने के बावजूद लोगों में भगवान शिव की आराधना के प्रति उत्साह में कोई कमी दिखाई नहीं दिया । और लोग पूर्व की भांति पूरे पारंपरिक तरीके से इस पर्व को मनाते रहे । जिला मुख्यालय सहित सभी क्षेत्रों में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे । तमाम समितियों व संस्थाओं द्वारा कांवर ले जाने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जगह-जगह पीने के लिए ठंडा पानी वह खाने के तमाम वस्तुओं के प्रबंध किए गए थे । जहां पर कांवड़ियों के लिए बैठने तथा आराम करने की भी व्यवस्था की गई थी ।
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