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बहराईच योगी सरकार में मनमौजी हुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नानपारा

बहराईच योगी सरकार में मनमौजी हुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नानपारा
बहराईच योगी सरकार में मनमौजी हुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नानपारा
दवा के लिए लगी लाइन पर बन्द पड़े कमरे से नदारद कर्मचारी
महिला डॉक्टर मीनाक्षी का खाली पड़ा कमरा
मनमौजी डॉक्टरों ने स्वास्थ्य सुविधाओं की कमर तोड़ी

नानपारा(बहराइच) सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नानपारा में यूँ तो डॉक्टरों को मनमानी पहले भी देखी गयी लेकिन इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की दशा को आलाधिकारियों तक पहुंचाने का काम किया है तहसील संवाददाता नानपारा ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का रियालिटी चेक किया तो ग्रामीण अंचलों से आये मरीजो व तीमारदारों को हो रही दिक्कतों को देख वह दंग रह गये।शुक्रवार समय करीब 12 बजे  दोपहर स्वास्थ्य केंद्र पर भास्कर टीम पहुँची तो सबसे पहले केंद्र प्रभारी डॉक्टर राजेश कुमार गौतम के रूम की तरफ टीम के सदस्य ने रुख किया तो देखा प्रभारी स्वास्थ्य केंद्र से ही नदारद है। टीम द्वारा प्रभारी का पता करने की कोशिश की गयी तो कोई जानकारी नही दे सका। उसके बाद टीम ने महिला चिकित्सक डॉक्टर मीनाक्षी के रूम को देखा तो वो भी अपने रूम से नदारद ही दिखी।महिला डॉक्टर के रूम के सामने लगी मरीजो की भीड़ को देख एक स्वास्थ्य कर्मचारी से पूछने पर पता चला कि मैडम अपने आवास पर आराम फरमा रही है।इसी सब के बीच जब स्वास्थ्य केंद्र की एक अन्य महिला डॉक्टर,डॉ० अर्चना के ओर रुख किया गया तो यहाँ भी पहले जैसा ही कुछ देखने को मिला,"कमरा खाली पड़ा" । 
लम्बी लाइन दवा वितरण कक्ष के आगे खड़ी दवाइयाँ तो लेना चाह रही थी पर दवा वितरण कक्ष बंद पड़ा देखा जा सकता था।
यूँ तो सरकारक स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर करोड़ो खर्च करती है कि देश की जनता को बेहतर इलाज मुहैय्या कर सके लेकिन नानपारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कुछ और ही है।स्वास्थ्य केन्द्र में मौजूद एक्सरे का रूम भी खाली ही पड़ा रहता है। दवा के लिए लाइन में खड़े मरीजो से पूछने पर मरीज के तीमारदार ने बताया कि काफी देर से लाइन में खड़े है मगर कमरा बंद है कोई दवा देने नही आ रहा। 
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर आवास में खड़े दिख रहे, डॉक्टर आरके० कुरील के समक्ष जा कर सभी डॉक्टरों की विषय मे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पता नही स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी कहाँ है,व डॉक्टर राजेश कुमार गौतम के विषय मे भी उन्हें मालूम नही है कि वह कहाँ गए है।




इस दौरान सैकड़ो की तादाद में मरीज तो दिखाई दिए मगर उनको देखने वाले डॉक्टर नही। अब इन नदारद दिखे सरकारी नौकरों व स्वास्थ्य विभाग को ऐसे ग्रामीण क्षेत्रो में बैठ अपाहिज बनाने वाले जिमादारो पर कैसे कार्यवाही होगी ये तो देखने की बात है।
भगवान का दूसरा रूप कहे जाने वाले डॉक्टरों के इस घोर लापरवाही को लेकर जब जब  शिकायते मिली है तो उच्चाधिकारियों ने तो सिर्फ जांच के नाम पर खानापूर्ति की व इनके मनोबल को बढ़ावा देते हुवे स्वास्थ्य सुविधा को अपाहिज बनाने में अपनी भूमिका निरन्तर निभा रहे है।

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