लेखपाल की मिलीभगत से तालाब की जमीन पर दबंगों का कब्जा
गांव वालों ने सामूहिक रूप से मुख्यमंत्री पोर्टल पर दर्ज कराई शिकायत
रसूखदारों ने अवैध कब्जा कर बना लिया मकान
तहसीलदार का आदेश नहीं मान रहा हल्का लेखपाल
नवाबगंज के बैजलपुर गांव का मामला, कब्जे से बंद हुआ ग्रामीणों का आवागमन
ए. आर. उस्मानी
गोण्डा। नवाबगंज क्षेत्र के बैजलपुर गांव के लोगों ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर सामूहिक शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में कहा गया है कि गांव के कुछ दबंगों ने तालाब की भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है।
इन लोगों ने तालाब पर कब्जा करने के साथ ही हल्का लेखपाल की मिलीभगत से निर्माण भी करा लिया है। कहा गया है कि इस बात की शिकायत 27 दिसंबर को की गई थी, जिस पर तहसीलदार तरबगंज ने तालाब को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए हल्का लेखपाल को निर्देशित किया था, लेकिन दबंगों से साठगांठ होने के कारण हल्का लेखपाल ने इस मामले में लीपापाती कर गलत रिपोर्ट लगाकर भेज दिया। इस मामले से परेशान गांव के लोगों ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर 13 मई को पुनः शिकायत कर तालाब को अतिक्रमण मुक्त कराने तथा अवैध निर्माण को ढहाने की अपील की है।
सूबे की सरकार द्वारा ग्राम समाज व तालाब पर हुए अतिक्रमण को मुक्त कराने का अभियान गोण्डा जिले के नवाबगंज क्षेत्र में लागू नहीं होता है। जब कोई ग्रामीण इस बात की शिकायत करने का साहस करता है तो हल्का लेखपाल द्वारा फर्जी रिपोर्ट लगाकर मामले को दबा दिया जाता है। नवाबगंज थाना क्षेत्र के बैजलपुर गांव गांव में दबंगों द्वारा तालाब की जमीन पर अवैध रुप से कब्जा करने का मामला प्रकाश में आया है। इस तालाब को खाली कराने को लेकर गांव के लोग पिछले एक साल से मुख्यमंत्री के पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराते आ रहे हैं, लेकिन हल्का लेखपाल रमेशचंद द्वारा फर्जी रिपोर्ट लगाने के चलते कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
बैजलपुर गांव के कुश कुमार पांडेय ने बताया कि इस तालाब को गांव के ही तीन लोग जबरन कब्जा कर गांव के अन्य लोगों का आना-जाना बंदा कर दिए हैं। इस तालाब पर इन लोगों ने अपने मकान तक बना लिए हैं, जबकि गांव के दूसरे लोगों के नाली का पानी व आवागमन तक नहीं होने दे रहे हैं। इसकी पहली शिकायत बीते साल सत्य प्रकाश पांडेय करीब तीन-तीन बार तहसील दिवस व मुख्यमंत्री पोर्टल पर किए, जिसमें बीते दिसंबर माह में तहसीलदार ने तालाब की पैमाइश कर अवैध रूप से बने मकान या फर्जी तरीके से किए गए कब्जे को खाली कराने का आदेश दिया था, लेकिन हल्का लेखपाल रमेशचंद्र दबंगों के प्रभाव में आकर फर्जी तरीके से रिपोर्ट लगाकर दे दिया।
तालाब को खाली कराने को लेकर गांव के अन्य लोग भी आगे आये तथा एक सामूहिक शिकायत बीते 13 मई 2019 को पुनः मुख्यमंत्री पोर्टल पर दर्ज कराई गयी। इस शिकायत की भनक मिलते ही गांव के दबंगों ने ग्रामीणों को डराना धमकाना शुरू कर दिया है। तालाब की जमीन को कब्जे से मुक्त कराने में तहसीलदार का आर्डर भी लेखपाल नहीं मान रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि हल्का लेखपाल मौके पर आते तक नहीं हैं, जबकि दबंगों द्वारा गांव के अन्य लोगों का तालाब के किनारे से आवागमन तक रोक दिया गया है। गांव के लोगों ने तालाब की भूमि अतिक्रमण मुक्त कराने तक कानूनी लड़ाई जारी रखने का मन बना लिया है।
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