ललित किशोर कुमार
खगड़िया:जिन्दगी में कब इंसान एक नई मंजिल कि ओर बढ़ जाता है।यह कोई नहीं जानता।एक कहावत है कि जितना संघर्ष करोगे सफलता उतना ही शानदार होगी।इस कहावत के साथ हम बात कर रहे हैं खगड़िया जिला के परबता गाँव निवासी प्रदीप यादव की जो कम उम्र से एक डिवेट कार्यक्रम में भाग लेने लगें।बताते चलें कि प्रदीप यादव को राजनीति की लत बचपन से लगी रही।बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि राजनीति का चस्का तो हमें बचपन से ही लग चुका था ,जब आठवी कक्षा में था तभी राजनीतिक डिबेट में बढ़ -चढकर हिस्सा लेता था।
गाँव खगड़िया से दसवीं करने के बाद 12 वी की पढ़ाई करने पटना 2011 में आ गया। पढ़ाई पूरी करने के बाद धीरे-धीरे राजनीति में बढ़ने लगा।मालूम हो कि इंटर की पढ़ाई करने के बाद प्रदीप स्नातक में नामांकन पटना में ही रहकर पूरी करने लगा।बिहार कि राजधानी होने के वजह से पटना हमेशा राजनीति में कार्यक्रम में बढ़कर भाग लेने लगें।बातचीत के दौरान प्रदीप ने बताया कि स्नातक में पढ़ाई करने के दौरान सुबह-सुबह हर रोज ईको पार्क में टहलने के लिए जाते थें। मार्निग वाक से करता था।एक दिन सुबह पार्क में उस समय बिहार के नये स्वास्थय मंत्री बनें तेजप्रताप यादव हुई।
उन्होंने मेरी विचारधारा और मुझसे प्रभावित होते हुए कहा कि बगल में मेरा आवास है मिलने के लिए आना। तब से राजनीति में पुरा दिलचस्पी और बढ़ गया।धीरे-धीरे छात्र राजद से जुड़ा और हमारी कार्य सोशल मीडिया पे लेखन शैली को देखकर तेज प्रताप यादव ने छात्र राजद के मीडिया प्रभारी का कमान सौंपा दिया। उसके बाद पुनः छात्र राजद के मुख्य प्रवक्ता पद बना दिया गया।
सोशल मीडिया बना बेस्ट प्लान
प्रदीप यादव ने कहा कि मेरी जिन्दगी में सोशल मीडिया का बहुत ही बड़ा योगदान है।लगातार सोशल मीडिया पर अपनी बात को रखने और लिखते-लिखते मुझे अन्य लोगों के बीच उठने बैठने की पूछ होने लगी।प्रदीप ने बताया कि कुछ वीडियो जिस पर हम लाइव आए उसको तकरीबन देश भर के 27 लाख लोगों ने देखें।लोगों के प्यार और दुआ से आज बिहार के लगभग सभी ज़िले के युवा और छात्र लोग जानतें हैं।
अवार्ड से हुए सम्मानित
प्रदीप यादव के द्वारा लगातार सामाजिक क्षेत्र में बेहतरीन कार्य को कई राष्ट्रीय संगठन ने अवार्ड से सम्मानित किया है।ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़ाने के लिए गरीब तथा जरूरतमंद बच्चों को मुफ्त में शिक्षा के साथ ही साथ विद्यालय से वंचित बच्चों को विधालय से जोड़ने का काम भी कर रहे हैं।
गरीब बच्चों के लिए पाठ्य सामग्री का वितरण
समय -समय पर प्रदीप यादव के द्वारा गरीब,कमजोर,पीड़ित,लाचार तथा जरूरतमंद बच्चों को मुफ्त में पढ़ाने के लिए अपनी तरफ हर समय हर पल मदद के लिए तैयार रहते हैं।कभी किसी को खून की जरूरत पड़ती तो खून या कभी किसी को कपड़े की जरूरत पड़ती तो कपड़े या चाहे कुछ भी हो वो हर पल हर समय मदद के लिए तैयार रहते हैं।अपने काम से राजनीति में एक अच्छा प्लेटफॉर्म पर काविज है प्रदीप।जब हमारे संवाददाता ललित किशोर कुमार ने उनसे पूछा कि आपके जिन्दगी का अंतिम लक्ष्य क्या है?
तो उन्होंने भावुक होते हुए बताया कि मेरा अंतिम लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा गरीब तथा जरूरतमंद बच्चों और लोगों को मदद कर सकें ताकि हर गरीब तथा जरूरतमंद लोगों को मदद हर समय मिल सकें।उन्होंने कहा कि कठिन दौर में सधर्ष जारी हैं।आशा और उम्मीद हैं कि जल्द नये जोश के साथ एक नयी पारी की शुरूआत करूंगा और अपने आवाज इसी तरह आम मुद्दों के लिए उठाता रहूंगा।
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