अमरजीत सिंह
अयोध्या ब्यूरो ।अयोध्या प्रदेश सरकार द्वारा फैजाबाद को अयोध्या जिला की घोषणा दर किनारकर फैजाबाद जिला के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बडागांव मे डाक्टर और दवा दोनो नही होने से मरीजों का आनाबंद हुआ।गरीब मजदूर तबके के मरीज निजी चिकत्सक से इलाज कराने पर विवश है।अस्पताल मे पसरा सन्नाटा क्षेत्र मे चर्चा का विषय बना हुआ है।
बताया जाता है कि प्रदेश सरकार के गरीबों मजदूरो के लिए मुफ्त स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के दावों के लिए करोड़ों रूपये खर्च कर विज्ञापन मे घोषणा की जाती है लेकिन विगत दो वर्षों से चयनित चिकित्सक के छुट्टी पर चले जाने के बाद से आजतक कोई डाक्टर की नियुक्ति नही की गयी।अस्पताल का आलम यह है कि एक फार्मसिस्ट द्वारा अस्पताल की व्यवस्था देखने से बुखार डायरिया जैसी बिमारियों की दवाओं को मंगाने के अनुमोदन नही करने से दवाऐ नही मिलती।
प्रदेश सरकार द्वारा फैजाबाद को जिला अयोध्या मे परिवर्तित तो कर दिया गया लेकिन कोई जिम्मेदार नही होने के कारण फ़ैजाबाद का बोर्ड अभी लगा हुआ है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बडागांव मे लगभग दो वर्ष से डाक्टर के आभाव मे फार्मेसिस्ट के भरोसे आधा दर्जन से अधिक ग्र्रामसभा के मरीजों काइलाज हो रहा है।डायरिया बुखार जैसी बिमारी का समुचित इलाज नही हो पाने से स्थानीय मरीजों के परिजन महंगी फीस अदा कर निजी चिकत्सक से दवा लेने पर विवश है।
सोहावल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सोहावल क्षेत्र के ग्रामीण अंचल के गरीबों को मुफ्त इलाज करने की प्रदेश सरकार के दावे को बडागांव स्थिति प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मे डाक्टर की दो वर्ष से नही है।मामले की जानकारी क्षेत्रीय स्वास्थ्य केन्द्र प्रभारी ए के सिंह से किये जाने पर दिया जाने वाला बयान चौंकाने वाला रहा।सिंह के अनुसार बड़ा गाँव मे चयनिति चिकित्सक एम डी की परीक्षा के तैयारी के लिए एक साल से छुट्टी पर है।चिकित्सक की कमी के कारण अन्य की नियुक्ति नही की जा सकी। अलीगंज एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोहावल मे भी महज दो चिकित्सक एक फार्मसिस्ट एक टेक्नीशियन के सहारे मरीजो का इलाज किया जा रहा है।ऐसे मे किसी अन्य चिकित्सक को पीएचसी मे तैनात नही किया जा सकता।बाबजूद वैकल्पिक व्यवस्था के लिए विभाग के उच्चाधिकारियों से मांग की गयी है।
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