अखिलेश्वर तिवारी
अभी तक जनप्रतिनिधि, एडीएम, एसडीएम व तहसीलदार भी करते थे निरीक्षण
प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ की मांग पर महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने लिया संज्ञान
बलरामपुर ।। जिले में अब जिलाधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधिकारी ही स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों का निरीक्षण कर सकेंगें। प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के मांग पत्र पर महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को इस आशय का पत्र जारी कर दिया है।
संयुक्त जिला चिकित्सालय, जिला मेमोरियल चिकित्सालय, जिला महिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अभी तक डीएम, सीएमओ के अलावा एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार, जनप्रतिनिधि आदि भी निरीक्षण करने जाते थे और अधिकारियों पर दबाव बनाते थे, जिस वजह से 54 सौ ग्रेड वेतन पाने वाले चिकित्सा अधिकारी व 76 सौ ग्रेड वेतन पाने वाले ब्लॉक स्तर के चिकित्सा अधिकारियों का मनोबल टूटने लगता था। अस्पतालों में जाने के बाद तमाम जनप्रतिनिधि व्यवस्था को लेकर अधिकारियों पर दबाव बनाते थे। जनप्रतिनिधियों के पास प्रशासनिक अधिकार नहीं होता है इसलिए जनप्रतिनिधियों को अस्पतालों में जाने के दौरान यदि व्यवस्था में कोई कमीं दिखती है तो वे उसकी शिकायत डीएम, सीएमओ व उच्चाधिकारियों से कर सकते हैं। चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के सम्मान व उनकी दिक्कतों को समझते हुए प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ ने कई बार इसको लेकर आवाज बुलंद की। इसके अलावा प्रमुख सचिव से लेकर महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य व सरकार को मांग पत्र भेजकर इस व्यवस्था में बदलाव करने की मांग भी उठाई। संघ के मांग पत्र पर महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने संज्ञान लेते हुए सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र जारी कर इस बारे में निर्देशित कर दिया है कि अब जिले में सिर्फ डीएम व सीएमओ ही अस्पताल का निरीक्षण व सत्यापन कर सकेंगें। इस निर्णय से चिकित्सकों में खुशी का माहौल है।
कई बार हो चुकी है नोकझोंक
पूर्व में अस्पतालों में कई बार निरीक्षण करने आने वाले जनप्रतिनिधि, अधिकारी व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के बीच नोकझोंक भी हो चुकी है हालांकि उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मामले को दबा दिया गया।
डीएम व सीएमओ पर बढ़ेगा दबाव
डीएम व सीएमओ पर पहले से ही तमाम जिम्मेदारियां होती हैं, जिस वजह से वह अपने अधीनस्थों को निरीक्षण के लिए भेजते थे, लेकिन अब इन लोगों पर रोक लगने की वजह से डीएम व सीएमओ पर स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर रखने का दबाव बढ़ेगा। इसके साथ ही अस्पतालों के निरीक्षण में भी कमी आएगी। बहुत से चिकित्सा अधिकारियों का ग्रेड वेतन निरीक्षण करने आने वाले अधिकारी के बराबर या अधिक होता है। ऐसे में संबंधित चिकित्सक का मनोबल गिरता हुआ महसूस होता था। पत्र के आदेश अनुसार ही जिले में व्यवस्था लागू की जाएगी।-डॉ घनश्याम सिंह, सीएमओ बलरामपुर
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