Type Here to Get Search Results !

Bottom Ad

एक मार्च से संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान, मच्छरों के पनपने की होगी पड़ताल


अखिलेश्वर तिवारी
26 फरवरी तक सभी विभागों को माइक्रोप्लान बनाकर जमा कराने के निर्देश
शनिवार को विशेष क्लास में प्रश्नोत्तरी के माध्यम से बच्चों को किया जाएगा जागरूक
बलरामपुर ।। संचारी रोगों और दिमागी बुखार पर नियंत्रण पाने के लिए पिछले साल की तरह इस साल भी जिले में विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान चलाया जाएगा। ये अभियान इसलिए जरूरी है क्योंकि एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिन्ड्रोम (एईएस) और जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेई) यानि दिमागी बुखार ऐसी घातक बीमारी है, जिससे रोगी की मृत्यु भी हो सकती है। यदि रोगी इलाज के बाद ठीक भी हो जाए तो अधिकांश में दिमागी व शारीरिक विकलांगता आ जाती है। 

                           सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित अन्तर्विभागीय समन्वय समिति की बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अमनदीप डुली ने कहा कि एक मार्च से शुरू होने वाले विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान को लेकर सभी विभाग माइक्रोप्लान तैयार कर लें। इस बार आशा कार्यकर्ता घर घर जाकर जांच करेंगी कि किसी के घर में गंदा पानी ठहरने के कारण मच्छर तो नहीं पैदा हो रहे। यदि ऐसा है तो उन्हे इसके प्रति जागरूक करें। अभियान में आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता माइक्रोप्लान के तहत घर घर जाकर दस्तक देंगी। उन्होने कहा कि अभियान के दौरान पांच शनिवार को सभी स्कूलों में संचारी रोग से बचने के लिए बच्चों को जागरूक किया जाएगा। स्कूलों में शनिवार को 40 मिनट से लेकर एक घंटे की क्लास होगी जिसमें बच्चों को प्रश्नोत्तरी के माध्यम से उन्हे ज्ञानवर्धन बातें बताई जाएंगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. घनश्याम सिंह ने कहा कि हर हाल में 26 फरवरी तक सभी विभाग माइक्रोप्लान उपलब्ध करवा दें जिससे रिपोर्ट शासन को भेजी जा सके। प्रत्येक प्रमुख स्थान पर प्रचार प्रसार के लिए होर्डिंग, बैनर, पोस्टर आदि लगाए जाएंगे। आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर घर जाकर लोगों के घर दस्तक देकर उनको बीमारी और बचाव के बारे में जागरूक करें। एएनएम टीम के साथ या अकेले निर्धारित लक्ष्य को पूरा करेंगी। इससे दिमागी बुखार सहित अन्य बुखार पर बचाव टीम सीधा वार करेगी ताकि हर परिवार सुरक्षित हो सके। संचारी रोग के नोडल अधिकारी डा. ए.के. पाण्डेय ने सभी अधिकारियों को गाइडलाइन उपलब्ध करवाते हुए कहा कि पूरे यूपी में 30 प्रतिशत एईएस के केस सिर्फ देवी पाटन मंडल में है। इन बीमारियों के लक्षण जेई के जैसे होते है लेकिन पता नही चल पाता कि वास्तव में यह जेई है तो उन बीमारियों को एईएस श्रेणी में रखा जाता है, इसीलिए यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि सभी विभाग एक साथ मिलकर अभियान के तहत संचारी रोगों से मुक्त कराने में सहयोग प्रदान करें। डीएमओ मंजुला आनंद ने बताया 16 मार्च से दस्तक अभियान के तहत गृह भ्रमण के दौरान आशा कार्यकर्ता को कोई प्रभावित व्यक्ति मिलता है तो उसकी किट से जांच करेंगी। शून्य से पन्द्रह साल तक के बच्चों के घरों पर स्टीकर लगाया जाएगा जिससे बच्चों वाले घरों की पहचान हो सके। बैठक के दौरान सीडीओ व सीएमओ सहित सभी अधिकारियों ने फाइलेरिया की दवा खाकर लोगों को बीमारी से बचाव के लिए पांच साल तक साल में एक बार फाइलेरिया रोधी दवा खाने की अपील भी की। 
बैठक के दौरान एसीएमओ डा. ए.के. सिंद्यल, डा. बी.पी. सिंह, डबलूएचओ के एसएमओ उपान्त राव डोगरे, बीएसए डा. राम चन्द्र, डीपीओ एम.के. पाण्डेय, यूनीसेफ की शिखा श्रीवास्तव, सीडीपीओ राकेश शर्मा, सत्येन्द्र सिंह, गरिमा श्रीवास्तव, रेनू जायसवाल संजीव कुमार, सहित सभी विभागों के प्रतिनिधि, नगर पंचायत व नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी व अधीक्षक मौजूद रहे।
इन विभागों को तैयार करना है । माइक्रोप्लान
-चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, नगर पालिका व नगर पंचायत, पंचायती राज विभाग, ग्राम्य विकास विभाग, पशु पालन विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग, द्विव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, समाज कल्याण विभाग, कृषि एवं सिंचाई विभाग और सूचना विभाग को माइक्रोप्लान तैयार करना है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad



 

Below Post Ad

5/vgrid/खबरे