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शब्दों में ही संगीत नहीं बल्कि संगीत में ही संसार हो :सुश्री पूजा


  संगीत के क्षेत्र में अपने गायन से प्राप्त कर रही हैं प्रशंसा व प्रसिद्धि
(शिवेश शुक्ल )
प्रतापगढ़। बेटियों ने अपने कार्य ,व्यवहार और उपलब्धियों से यह सिद्ध कर दिया है कि वह बेटों से तनिक भी कम नहीं है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में बेटियों ने सफलता का परचम लहराया है। होनहार बेटी सुश्री पूजा प्रजापति उन्हीं कार्यशील बेटियों में है ,जिन्होंने संगीत के क्षेत्र में अपने गायन से प्रशंसा और प्रसिद्धि प्राप्त किया है।वर्तमान में पूजा प्रजापति प्रतापगढ़ जिले के एक प्रतिष्ठित डिग्री कॉलेज में संगीत विभाग की विभागाध्यक्ष है।
संगीत के क्षेत्र में पूजा प्रजापति ने अपने गायकी से कॉलेज और जिले में खूब शोहरत पाई है। बड़े-बड़े मंचों पर प्रस्तुतियां देकर उन्होंने प्रचुर वाह वाही लूटी है। मेघा की धनी पूजा का जन्म 29 मई 1995 को प्रतापगढ़ जनपद के पट्टी तहसील के सरखेलपुर गांव में हुआ था। संगीत गायन के सभी रागों की विशेषज्ञ पूजा की शैशवावस्था से ही संगीत में गहरी रुचि रही है। इन्होंने संगीत विषय लेकर राजकीय बालिका इंटर कॉलेज प्रतापगढ़ से इंटर उत्तीर्ण  किया। प्रवीणता हासिल करने के लिए इन्होंने शारदा संगीत महाविद्यालय से संगीत प्रभाकर किया। अपने संगीत शिक्षक जितेंद्र बहादुर सिंह की सराहना करते हुए सुश्री पूजा प्रजापति ने बताती है कि  जितेंद्र  बहादुर सिंह संगीत के महारथी हैं ,वह अपने शिष्यों को पूरे मनोयोग से संगीत पढ़ाते हैं। सुश्री पूजा ने पढ़ाई जारी रखते हुए एमडीपीजी कॉलेज प्रतापगढ़ से स्नातक की । वहां पर संगीत की उच्च शिक्षा इन्होंने डॉ शिवानी मातनहेलिया से प्राप्त की। डॉ शिवानी मातानहेलिया ने इन्हें जीवन में आगे बढ़ने की भी  प्रेरणा दी । सुश्री पूजा प्रजापति ने केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रयागराज से संगीत में 2017मे एम म्यूज स्नातकोत्तर किया ।आगे उनको संगीत के प्रखर शिक्षक पंडित प्रेम कुमार मलिक मिले ,जिन्होंने उनको संगीत गायन की बारीकियां बताया । कुशाग्र बुद्धि को पूजा प्रजापति ने मात्र 22 वर्ष की आयु में 31 जुलाई 2018 को राष्ट्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण किया। सन 2018 में ही उनको डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद के कुलपति ने सम्मानित किया । इसके बाद जब सम्मान क्रम चला तो अपने विभिन्न उपलब्धियों के चलते कई सम्मान हासिल कर नित प्रति कीर्तिमान स्थापित करती रही हैं।सुश्री पूजा प्रजापति कड़े परिश्रम और असीमित लगन से निरंतर आगे बढ़ती जा रही है। एक दिन निश्चित देश-विदेश में यह जिले  का नाम रोशन करेंगी।संगीत विषय के संबंध में पूजा का कहना है कि यह एक मोहक विषय हैं । इसके माधुर्म का प्रभाव इंसानों पर ही नहीं पशु पक्षियों पर भी पड़ता है । वह आत्मा विश्वास से कहती हैं कि मैं संगीत का प्रकाश चारों ओर फैलाऊंगी। आगे उन्होंने कहा कि मेरा यह प्रयास रहेगा कि शब्दों में ही संगीत नहीं बल्कि संगीत में ही संसार हो।

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