Type Here to Get Search Results !

Bottom Ad

फसल अवशेष जलाना एक अपराध : डा.एस . के वर्मा


रिपोर्ट:सुहैल आलम

बल्दीराय/सुल्तानपुर।इस समय गेहू की कटाई की सुरुआत हो चुकी है। श्रमिको की कमी एवं समय की बचत  के कारण हार्वेस्टर कम्बाइन से गेहू की कटाई अधिक मात्रा में हो रही है।जिससे काफी अधिक मात्रा में फसल अवशेष खेत मे ही रह जाते हैं जिसे बाद में जला देतें है। फसल अवशेष जलाना बहुत ही नुक़सान दायक होता है, फसल अवशेष जलाने से खेत में उपस्थित लाभदायक जीवाणु नष्ट हो जाते है, खेत मे पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, वायु प्रदूषण बढ़ता है तथा फसल अवशेषों में पाये जाने वाले पोषक पदार्थ का भी नुकसान होता है । इसलिए गेहू काटने के पस्चात फसल अवशेष को जलाये न बल्कि उसे पहली वर्षा होते ही जुताई करके खेत मे मिला दे जिससे खेत मे पोषक तत्वों की बृद्धि होगी एवं अन्य कोई नुकसान नहीं होगा । यदि सम्भव हो तो गेंहू अवशेष का भूसा बनवा ले।कृषि विज्ञान केंद्र बरासिन के अधीक्षक डा.एस. के. वर्मा ने बताया कि फसल अवशेष का जलाना सामाजिक बुराई के साथ साथ एक अपराध भी है , जिसमे सजा का प्रावधान है । अतः आपसे अनुरोध है कि फसल अवशेष कदापि भी न जलाये ।
 डां.सौरभ वर्मा ने बताया कि कोरोना जैसी महामारी को देखते सावधानी बरतने पर जोर देते हुए कहा कि सोसल डिस्टेंस बनाय रखें मास्क या गमछे का प्रयोग करें जिसमें साफ सफाई विशेष ध्यान रखें।अनावश्यक भीड़ से बचे। कृषि कार्य के समय धूम्रपान औऱ ढीले कपड़ों से बचे साथ ही साथ शासन औऱ प्रसाशन के दिशानिर्देशो का पालन करें।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad



 

Below Post Ad

5/vgrid/खबरे