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Basti News:शिक्षकों को भूखे मरना पड़ा तो आंदोलन ही होगा विकल्प: नागेन्द्र दत्त त्रिपाठी



सुनील उपाध्याय 
उत्तर प्रदेश शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक व भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विधान परिषद प्रत्याशी नागेंद्र दत्त त्रिपाठी ने लगातार शिक्षकों के प्रति सरकार की उपेक्षा से शिक्षकों के गिरती दशा के बारे में आवाज उठाते आ रहे हैं । शिक्षक राष्ट्र का निर्माता होता है वित्तविहीन हो या साबित्त विद्यालय संस्कृत विद्यालय हो अथवा मदरसा हो , अपने शिक्षा के माध्यम से बहुमुखी संस्कृति से देश का विकास करते हैं , प्रत्याशी नागेंद्र त्रिपाठी ने कहा शिक्षा में भेदभाव नहीं होना चाहिए सरकार को 20 लाख करोड़ के पैकेज में शिक्षकों के लिए कुछ अवश्य करना चाहिए था केंद्र के द्वारा योजना अंतर्गत प्रदेश में 8500 मान्यता प्राप्त मदरसे है। जहां जिनके द्वारा आधुनिक विषय की शिक्षा प्रदान की जाती है ,इनका मानदेय प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ बोर्ड द्वारा निर्गत किया जाता है । मगर इन मदरसों में लगभग 47 महीने से मानदेय ना मिल पाने से परेशान हैं । मानदेय के अभाव में ईद भी फीकी पड़ गई ,उत्तर प्रदेश वित्तविहीन शिक्षक संघ ने अपने सभी पदाधिकारियों से टेलीफोन कान्फ्रेंस के दौरान बातचीत के बाद त्रिपाठी ने कहा कि सरकार को मदरसों का 48 माह का मानदेय शीघ्र से शीघ्र निर्गत करना तथा वित्तविहीन शिक्षकों के लिए कुछ आर्थिक पैकेज घोषित करें, जिससे शिक्षकों की हताशा दूर हो सके।
यदि सरकार वित्तविहीन स्कूलों को फीस लेने मना करती है तो सरकार को सभी वित्तविहीन विद्यालयों की प्रतिपूर्ति करनी चाहिए, अब सरकार को अवश्य ही इन विद्यालयों के अध्यापको के लिए मानदेय देने की प्रक्रिया तेज कर सुनिश्चित करे ,जिससे दुबारा अध्यापको को वर्तमान परिस्थितियों में भूखो न मरना पड़े, अन्यथा शिक्षकों के लिए आन्दोलन ही एक विकल्प होगा।

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