सुनील उपाध्याय
बस्ती । मंडल मुख्यालय से लगभग 5 किलोमीटर पूरब बस्ती महसो मार्ग पर स्थित बाबा भदेश्वर नाथ मंदिर एक नंबर की पूरे मंडल की पहचान समेटे हुई है इसके साथ कई पौराणिक कथाएं भी जुड़ी हुई हैं मंदिर के पुजारी का कहना है कि लंका के राजा रावण द्वारा इस शिवलिंग की स्थापना की गई थी रावण प्रतिवर्ष श्रावण के महीने में यहां जलाभिषेक करने आता था मानता है। कि यहां पर जलाभिषेक केवल पूजा अर्चना करने से सबकी मनोकामना पूर्ण होती है।उल्लेखनीय है कि ब्रिटिश शासन काल में आता ताइयो द्वारा यातना कर आक्रमण कर मंदिर में स्थित शिवलिंग को उखाड़ कर ले जाने का असफल प्रयास किया था।
किंतु इसी दौरान जमीन से निकले लाखों की संख्या में बर्रै उनके सैनिकों को डंक मार कर आहत कर दिया अपनी जान बचाने के लिए आता ताई बगल में स्थित नाले में कूद गए तो वहां वहां भी बर्रे ने आक्रमण कर उन्हें अधमरा कर दिया परिणाम स्वरूप सभी सैनिक नाले मे डूब कर मर गए इस नाते इसे हत्यारवा नाला के नाम से जाना जाता है। शिवलिंग को यहां से ले जाने के प्रयास में आता ताइयो की मौत हो गई और और जिस बैलगाड़ी पर शिवलिंग रखकर ले जाने का उन्होंने प्रयास किया था वह बैल सहित पत्थर में तब्दील हो गया। वर्तमान में भदेश्वर नाथ मंदिर में सावन के महीने में कावड़ियों की भारी भीड़ लगती है एक महीने तक यहां मेला चलता है जिसमें प्रदेश के विभिन्न जनपदों से अपना अपना सामान बेचने के लिए व्यापारी दुकान भी लगाते है।
किम बदन की शिवलिंग को अपनी बाहों में नहीं लिया जा सकता है। ऐसा करने पर शिवलिंग का आकार अपने आप बढ़ने लगता है। जिससे कोई भी श्रद्धालु शिवलिंग को अपनी बाहों में समर्थ समेटने में सफल नहीं हो सकता है।



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