गोण्डा:तहसीलदार न्यायालय का आदेश दरकिनार,तीन वर्षों बाद भी तालाब की भूमि से नहीं हटा अवैध कब्जा | CRIME JUNCTION गोण्डा:तहसीलदार न्यायालय का आदेश दरकिनार,तीन वर्षों बाद भी तालाब की भूमि से नहीं हटा अवैध कब्जा
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गोण्डा:तहसीलदार न्यायालय का आदेश दरकिनार,तीन वर्षों बाद भी तालाब की भूमि से नहीं हटा अवैध कब्जा

बी पी त्रिपाठी

गोंडा। तहसील क्षेत्र के अन्तर्गत ग्रामसभा टिकवार में तालाब की भूमि पर दबंग व्यक्तियों द्वारा किये गये अवैध कब्जे को हटवाने के संबंध में तहसीलदार न्यायालय द्वारा पारित आदेश के तीन वर्ष बीतने पर भी अभी तक अवैध कब्जा ना हटने से दबंगों का अवैध कब्जा बरकरार है।जिससे शिकायतकर्ता ग्रामीण ने आदेश का अनुपालन कराकर तालाब की भूमि से अवैध कब्जे को शीघ्र हटवाने की मांग सम्पूर्ण समाधान दिवस,थाना दिवस सहित उच्चाधिकारियों से की है।                                                                                         


               मामला कर्नलगंज तहसील क्षेत्र से जुड़ा है,जहां इन दिनों सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने की होड़ मची है।जबकि उक्त अवैध कब्जों को हटाने के संबंध में उच्चतम/उच्च न्यायालय द्वारा जारी किए जा रहे आदेशों के बाद भी जिम्मेदार आला अधिकारियों की निरंकुश कार्यप्रणाली के चलते कब्जा ना हटाकर न्यायालय के आदेश को दरकिनार किया जा रहा है।ऐसा ही एक मामला तहसील अंतर्गत ग्रामसभा टिकवार का सामने आया है।यहां तालाब की सरकारी भूमि गाटा संख्या 135 मि० के रक्बा 0.0040 हेक्टेयर पर ग्रामसभा के प्रभूदयाल पुत्र रायबहादुर आदि दबंग व्यक्ति जबरन अवैध कब्जा कर मकान बनाकर रह रहे हैं जिसमें प्रश्नगत भूमि से बेदखली एवं अर्थदंड वसूली संबंधी तहसीलदार न्यायालय कर्नलगंज द्वारा विगत तीन वर्षों पूर्व दिनांक 09 मार्च 2018 को आदेश पारित करके आदेश की एक प्रति तत्कालीन राजस्व कर्मियों को भेजी गई थी।जिस पर क्षेत्रीय राजस्व कर्मियों द्वारा उक्त आदेश की प्रति को नजरंदाज करके गायब कर दिया गया और कब्जा नहीं हटाया गया।जिससे आज तक प्रश्नगत तालाब की सरकारी भूमि पर दबंगों का अवैध कब्जा बरकरार है। न्यायहित में उपरोक्त आदेश का अनुपालन कराते हुए तालाब भूमि से अवैध कब्जेदारों का कब्जा हटवाया जाना न्यायसंगत बताते हुए शिकायतकर्ता ने बताया कि उक्त भूमि पर उसके नाली के सामने विपक्षी अवैध कब्जेदार घूर लगाते हैं जिससे रास्ते में पानी भरता है उक्त घूर की भूमि जो तालाब खाते में दर्ज कागजात है जिसके बाबत तहसीलदार महोदय के न्यायालय से संबंधित सरकारी भूमि गाटा संख्या 135 मि०/0.004 हे० से अवैध कब्जेदारों को बेदखल करके क्षतिपूर्ति स्वरुप रूपये 4400 एवं निष्पादन व्यय 2000 रू० वसूली की कार्यवाही हेतु आदेश की एक प्रति वा०बा०न० तथा बेदखली की कार्यवाही हेतु आदेश की एक प्रति संबंधित राजस्व कर्मियों को प्रेषित की जा चुकी है फिर भी विपक्षी नहीं मानते हैं।विपक्षी दबंग किस्म के व्यक्ति हैं जो प्रार्थी के मना करने पर आमादा फौजदारी होते हैं तथा किसान यूनियन के नेता हैं। उसने विरोध करते हुए कई बार शिकायत की है।उक्त सरकारी भूमि हथियाने के खेल में पूर्व में की गई तमाम शिकायत के बाद तत्कालीन हल्का लेखपाल/राजस्व निरीक्षक के द्वारा उक्त स्थल का निरीक्षण किया गया जहां अवैध कब्जा होना पाया गया।जिसके संबंध में दिनांक 22 दिसंबर 2015 की जांच रिपोर्ट के आधार पर मामला तहसील न्यायालय में चला।जिसमें तहसीलदार महोदय ने गत 09 मार्च 2018 को उक्त भूमि से अवैध कब्जा हटाने हेतु बेदखली आदेश पारित किया व 4 हजार  4 सौ रुपये का अर्थदंड व 2 हजार रुपए निष्पादन व्यय आरोपित किया।लेकिन बेदखली आदेश के तीन वर्षों बाद भी कब्जाधारी का शासकीय भूमि से कब्जा नहीं हटाया गया है।शिकायतकर्ता ग्रामीण ने आदेश का अनुपालन कराकर तालाब की भूमि से अवैध कब्जे को शीघ्र हटवाने और कार्यवाही की मांग सम्पूर्ण समाधान दिवस,थाना दिवस सहित उच्चाधिकारियों से की है।

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