वेद व्यास त्रिपाठी
खबर उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ से है जहां लालगंज तहसील के एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह पर तहसील कर्मी सुनील शर्मा को पूरी तरीके से मारने पीटने का आरोप लगा था ।
तहसील कर्मी सुनील शर्मा ने आरोप लगाया था कि एसडीएम ने होमगार्ड की लाठी लेकर उसे मारा पीटा गया था मारपीट से घायल होने के कारण बीते 2 मार्च को मेडिकल कॉलेज में उचित इलाज एवं इलाज में लापरवाही के कारण इलाज के दौरान मौत हो गई ।
मौत की सूचना मिलने पर मौके पर उपस्थित कर्मचारी संघ ने काफी बवाल मचाया था उसके बाद तत्काल एसडीएम के खिलाफ हत्या सहित गंभीर धाराओं में लालगंज कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत किया गया था।
तहसील कर्मी की मौत की सूचना मिलने पर एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह आवास छोड़कर मौके से फरार हो गए थे।
तहसील कर्मी की हत्या के मामले में सीएम योगी ने संज्ञान लेकर एसडीएम को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया था।
जिसके बाद एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।उत्तर प्रदेश मिनिस्टीरियल कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने एसडीएम की गिरफ्तारी एवं मृतक के परिजनों को एक करोड़ रुपए मुआवजा, मृतक आश्रित को नौकरी एवं घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है।
इन्हीं सभी मांगों को लेकर आज प्रतापगढ़ के सभी तहसीलों एवं कलेक्ट्रेट मुख्यालय पर कर्मचारियों ने तालाबंदी कर विरोध प्रदर्शन जताया।
कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए अतिरिक्त एसडीएम को ज्ञापन सौंपा।
कर्मचारी संघ के संयोजक वशिष्ठ कुमार सिंह ने कहा कि सभी मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना एवं तालाबंदी की गई थी। प्रशासन को एक हफ्ते का अल्टीमेटम दिया गया है।
अगर हमारी सभी मांगे पूरी नहीं की गई तो यह आंदोलन आगे भी जारी रहेगा और बड़े पैमाने पर होगा। कर्मचारियों के साथ किसी तरह का अन्याय एवं दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मौके पर संगठन के संयोजक सत्येंद्र प्रताप सिंह उर्फ शक्ति सिंह, ज्ञान प्रकाश, राजेश शर्मा, कुलदीप मिश्रा,पारसनाथ, रमेश कुमार, दिनेश राय,राम कुमार, सुरेंद्र पांडे,प्रवीण पांडे सहित कई कर्मचारी उपस्थित रहे।
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