नामांकन मेले में जमकर हुए एडमिशन,15 जून तक चलेगा ग्रीष्मावकाश
20 प्रतिशत बच्चों को नहीं मिला ड्रेस,जूते मोजे का लाभ
हरीश अवस्थी
खमरिया-लखीमपुरखीरी:बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में गर्मी की छुट्टी आज से शुरू हो गई।
शैक्षिक केलेंडर के अनुसार अब 16 जून से विद्यालय खुलेंगे ओर पठन पाठन शुरू हो जाएगा।
इस दौरान खंड शिक्षा अधिकारियों ने शिक्षकों से विद्यालय में लक्ष्य से कम नामांकन को पूरा करवाने के लिए नामांकन मेले का भी आयोजन करवाया जिसमें जमकर नामांकन कर लक्ष्य को पूरा कर लिया गया।
इसके साथ साथ बच्चों को होमवर्क देकर छुट्टी दे दी गई।
परिषदीय विद्यालयों में शैक्षिक सत्र 2022-23 का शुभारंभ अब जुलाई के बजाए एक अप्रैल से शुरू होता है। जिसको लेकर अवकाश समय सारिणी भी बदल चुकी है।
21 मई से 30 जून तक मिलने वाला ग्रीष्मावकाश अब 20 मई से 15 जून तक रहेगा। प्राथमिक स्कूल में 31 दिसम्बर से 14 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश भी होता है।
वहीं आज ब्लॉक ईसानगर के खंड शिक्षा अधिकारी अख़िलानंद राय ने स्कूलों में नामांकन लक्ष्य पूरा करवाने के लिए नामांकन मेले का आयोजन करवा जिसमें जमकर नवीन नामांकन कर शिक्षकों ने दिए गए लक्ष्य को पूरा किया। इसके साथ साथ बच्चों को होमवर्क देकर छुट्टी दे दी गई।
10 से 20 प्रतिशत बच्चों को नहीं मिला ड्रेस,जूते मोजे का लाभ
तहसील के ब्लॉक रमियाबेहड़, धौरहरा व ईसानगर ब्लॉक में विगत सत्र में प्रदेश सरकार द्वारा बच्चों को ड्रेस,जूता,मोजा व स्वेटर खरीदने के लिए इस बार सरकार ने अभिभावकों के खाते पर पैसे भिजवाया था।
जिसमें करीब 10 से 20 प्रतिशत बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल पाया। जिसके चलते आज स्कूलों में हुई छुट्टी के दौरान इससे वंचित बच्चे मायूस दिखे।
कुछ बच्चे तो आज भी अधिकतर स्कूलों में अपने हेड टीचर से पूछते हुए देखे गए कि गुरुजी मेरे पैसे कब आयेगें। जिसका उचित जबाब गुरुजी के पास भी नहीं था।
वहीं इस बाबत बीईओ ईसानगर अख़िलानंद राय ने बताया कि अभिभावकों के खाते में आधार फीडिंग व अभिभावकों के खाता निष्क्रिय होने के चलते पैसा नहीं पहुंचा है यह ब्लाक ही नहीं पूरे प्रदेश की समस्या है ।
अध्यापकों ने सही करवाने के लिए बैंकों के शाखा प्रबंधकों से सम्पर्क कर उसे सही करवाने को कहा है, व्यवस्था सही होने पर खातों में पैसा पहुंच जाएगा। वहीं धौरहरा बीईओ
आशीष कुमार पाण्डेय ने बताता कि मामले की जानकारी नहीं है जानकारी करने के बाद ही बता सकता हूं कि बच्चों के खाते में पैसा क्यूं नहीं आया।
इसी तरह से रमियाबेहड़ बीईओ उपेंद्र कुमार ने बताया कि खातों में आधार की फीडिंग बैंकों में न होने की वजह से 10 प्रतिशत बच्चों के खातों में ड्रेस आदि का पैसा नहीं पहुच सका है। उसके लिए शिक्षक प्रयास कर रहे है।
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