आरोप
सतीश वर्मा
गोण्डा:ग्राम पंचायतों को विकास कार्य और गांवों को शहर की तर्ज पर विकसित करने के लिए सरकार अपने खजाने से करोड़ों रुपया खर्च कर रही है....लेकिन बजट का ये पैसा कहां खर्च हो रहा है किसी को पता नहीं।
विकास खंड कटरा बाजार की ग्राम पंचायत महापरा का कुछ ऐसा ही हाल है जहां पर बजट तो खर्च हुआ लेकिन काम कुछ दिखाई नहीं दे रहा।
पिछले 6 सालो से ग्राम पंचायत निधि का दुर्पयोग किया गया है अब इसकी शिकायत जिलाधिकारी कार्यालय में की गई है।
शिकायतकर्ता ने अपने शिकायत पत्र में जिलाधिकारी को अवगत कराया है कि महापारा गांव में तालाब खुदाई , इंटरलॉकिंग, स्ट्रीट लाइट, मेढ़बंधी...और अन्य योजनाओं में भ्रष्ट्राचार किया गया है। जिसकी जांच होना अति आवश्यक है।
शिकायतकर्ता ने बताया कि वह गांव का आम नागरिक है उसे अपने खेतों की मेढ़बंदी व समतलीकरण कराना था इसी सिलसिले में जब वह ब्लॉक पहुंचा तो जानकारी हुई कि इसके खेत के साथ साथ गांव के कई लोगों का मेडबंदी समतलीकरण हो चुका है जिसका पैसा भी निकल चुका है।
इस बारे में जब शिकायतकर्ता ने गहनता से पता किया तो पता चला कि गांव में विकास कार्य में नाम पर कई योजनाओं में लाखों का बजट निकल चुका है लेकिन अभी तक कोई कार्य जमीन पर नहीं हुआ। शिकायतकर्ता ने पहले ब्लॉक स्तर पर अधिकारियों को इस बारे में अवगत कराया लेकिन जब ब्लॉक स्तर के अधिकारियों ने मामले को संज्ञान में नहीं लिया तो अब जिलाधिकारी कार्यालय में इसकी शिकायत की गई है।
शिकायती पत्र में गौ आश्रय केंद्र निर्माण कार्य घपलेबाजी और 30 स्ट्रीट लाइट का पैसा निकाल लेने की बात कही गई है।भ्रष्ट्राचार का आरोप ग्राम प्रधान व ब्लॉक स्तर के अधिकारियों पर लगाए गए है।
वही जब इस संबंध में जब कटरा बाजार ब्लाक के खंड विकास अधिकारी आरपी मौर्य से बात की गई उन्होंने कहा मामला संज्ञान में आया है सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है।
बहरहाल आरोपों में कितनी सच्चाई है यह तो जांच के बाद ही उजागर होगा...लेकिन इस बात में कोई दो राय नहीं है कि ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए जितना बजट ग्राम पंचायतों को दिया जा रहा उस पर भ्रष्ट्राचार के मामले बढ़ गए है।
आपको बता दे कटरा बाजार ब्लॉक वही ब्लॉक है जिसमें प्रदेश में सबसे बड़ा मनरेगा भ्रष्टाचार हुआ था।
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