कमलेश
धौरहरा-लखीमपुरखीरी:उत्तर प्रदेश के अमरोहा में जहरीला चारा खाने से हुई पशुओं की मौत के बाद सोमवार को खंड विकास अधिकारी धौरहरा ने पशु-आश्रय केंद्रों का आनन फानन में निरीक्षण कर अपने अधीनस्थों को पशुओ की संख्या का निरंतर मिलान करने के साथ हर दो दिन पर पशु चिकित्सक द्वारा निरीक्षण करने एवं पशुओं को उपलब्ध करवाए जा रहे चारा, भूषा तथा अन्य खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता का ध्यान रखने के निर्देश दिए है,जिससे अमरोहा जैसी घटना यहाँ घटित न हो सके।
उत्तर प्रदेश के जनपद अमरोहा के सांथलपुर में जहरीला हरा चारा खाने से हुई 61 गौवंशों की मौत की जानकारी मिलने के बाद सोमवार को खंड विकास अधिकारी चन्दनदेव पाण्डेय ने क्षेत्र के बसंतापुर में बने गौ-आश्रय का निरीक्षण करते हुए पशुओं की स्थिति का आंकलन किया व अपने अधीनस्थों को निरंतर पशुओं का मिलान करने के साथ साथ पशु चिकित्सक द्वारा हर दो दिन पर पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण कराने के साथ ही पशुओं को दिया जाने वाला हरा व सूखा चारा,भूषा समेत अन्य खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता का विषेध ध्यान रखने के लिए शख़्त निर्देश दिए है।
इस दौरान गौ-आश्रय में तैनात कर्मचारियों को किसी भी प्रकार की लापरवाही बरतने पर कड़ी कार्रवाई करने को भी कहा गया है।
विकास खंड धौरहरा के तीन पशु आश्रय केंद्रों में है,करीब 500 पशु
विकास खंड धौरहरा क्षेत्र में तीन पशु-आश्रय केंद्र है,जिनमें से एक बसंतापुर गांव में बने गौ-आश्रय में 200 पशु है, जिनके चारा आदि की देखरेख ग्राम प्रधान,ग्राम पंचायत अधिकारी समेत पशु चिकित्सक कर रहे है।
वहीं दूसरा गौ-आश्रय नरुपुर गांव में है जहां 224 पशुओं को रखा जा रहा है। यहाँ भी चारा व खाद्य सामग्री की देखरेख ग्राम प्रधान,ग्राम विकास अधिकारी समेत पशु चिकित्सक को जिम्मेदारी मिली हुई है।
इसके साथ साथ आवारा पशुओ के लिए तीसरा गौ-आश्रय धौरहरा नगर पंचायत के अधीन है जहां नगर पंचायत अध्यक्ष की देखरेख में 58 पशुओं को रखा गया है।
जिनकी मॉनिटरिंग खंड विकास अधिकारी चन्दनदेव पाण्डेय समेत उपजिलाधिकारी धीरेंद्र सिंह बारी बारी से कर अपने अधीनस्थों को सुधार करने के दिशा निर्देश देते रहते है।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ