रजनीश / ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। परिषदीय विद्यालयों के बच्चों का कोरोना काल में आया मुंह का निवाला करीब दो हजार कुंतल से अधिक गेहूं पर गोदाम के प्रभारी कुंडली मारकर बैठे हैं और बच्चों के हिस्से का राशन डकारने की फिराक में हैं।
कोरोना काल में बंद पड़े परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले नन्हे-मुन्ने बच्चों को सरकार द्वारा मिलने वाला गेहूं और चावल (मध्यान भोजन का राशन) 134 दिनों का दिया जाना था।
जिसमें चावल की आपूर्ति होने पर मात्र चावल का वितरण किया गया और गेहूं की आपूर्ति नहीं हो पाई थी।
जिससे गेहूं का वितरण नहीं किया जा सका। उसकी डिमांड भेजी गई और अप्रैल माह में 134 दिन के मध्यान भोजन का राशन जो बच्चों को मिलना चाहिए वह सरकारी गोदामों को दिया गया।
मगर गोदामों से उसका वितरण अब तक नहीं हो सका है। गोदाम के प्रभारी गेहूं पर कुंडली मारकर बैठे हैं और वितरण न करने व बंदरबांट की फिराक में है।
गोदाम प्रभारियों द्वारा बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से सूची न मिलने का बहाना मार कर उस गेहूं को डकारने की जुगत भिड़ा रहे हैं।
विकासखंड करनैलगंज में करीब 8 सौ 50 कुंतल गेहूं, हलधरमऊ में करीब 4 सौ 25 कुंतल, तथा परसपुर व कटरा बाजार ब्लाक में गेहूं का वितरण करने के लिए गोदामों को आपूर्ति हो चुका है।
गोदाम प्रभारियों द्वारा उसे वितरण के लिए कोटेदारों को नहीं दिया जा रहा है। यह करनैलगंज तहसील के चारों ब्लाकों में मिलाकर करीब 2 हजार कुंतल से अधिक है और गोदाम के प्रभारी बीआरसी से सूची मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
यह गेंहूँ अप्रैल माह में गोदाम पर पहुंचाया गया मगर अगस्त माह के मध्य तक बच्चों को नहीं मिल सका है। करनैलगंज के गोदाम प्रभारी प्रदीप कुमार का कहना है कि गेहूं प्राप्त हो गया है बीआरसी से बच्चों की सूची उपलब्ध नहीं कराई गई है सूची उपलब्ध होने के बाद वितरण किया जाएगा।
हलधरमऊ के गोदाम प्रभारी राजेश चौधरी कहते हैं सूची मिलने का इंतजार है सूची मिलते ही कोटेदारों को गेहूं वितरण के लिए दे दिया जाएगा।
उप जिलाधिकारी हीरालाल कहते हैं कि गोदाम प्रभारियों द्वारा महीनों से राशन गोदाम में रखने एवं सूची न होने की बात बताई जा रही है। मगर गेहूं कोटेदारों को क्यों नहीं उपलब्ध करवाया गया इसकी जांच कराकर गोदाम प्रभारियों के विरुद्ध कार्रवाई होगी।
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