रजनीश / ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। घाघरा में जलस्तर की बढोत्तरी से अब तबाही की मंजर शुरू हो गया है। रविवार को भी घाघरा के जलस्तर में भारी बढ़ोतरी हुई।
जलस्तर देर शाम तक बढ़कर खतरे के निशान से 55 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है। वही डिस्चार्ज 4 लाख 48 हजार रहा।
वहीं एल्गिन चरसडी बांध के किनारे बसे गांवों जो गोंडा और बाराबंकी की सीमा पर बसे हैं। उन गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है।
जिसमें माझा रायपुर, नउवन पुरवा, ग्राम परसावल, नैपूरा, कमियार गांव में बाढ़ का पानी तेजी से घुसने लगा है। उधर बांध के किनारे बसे गांव नकहरा में करीब एक दर्जन मजरे नदी और बांध के बीच में बसे हुए हैं। उन गांव में भी पानी की दस्तक होने लगी है।
सोमवार तक यह गांव पूरी तरह जल होने का अनुमान लगाया जा रहा है। गांव की आबादी गांव को छोड़कर बांध पर अपना आशियाना बसा चुकी है।
वहीं ग्रामीणों के मुताबिक ग्राम कमियार में एक रेगुलेटर लगा हुआ है जिसका वाल्व खुला होने के कारण पानी अधिक बढ़ने पर वाल्व के माध्यम से गोंडा जिले में पानी आने लगता है और अब उस वाल्व तक पानी पहुंच चुका है।
जिससे सोमवार तक वाल्व के माध्यम से जिले में के गांव में पानी आना शुरू हो सकता है। यदि नदी का जलस्तर घटने लगा तो बांध के आस-पास के गांव बाढ़ से बच सकते हैं अन्यथा की स्थिति में उन्हें बाढ़ से जूझना पड़ सकता है।
बाढ़ खंड के अवर अभियंता रवि वर्मा कहते हैं कि पानी का डिस्चार्ज घट बढ़ रहा है जिससे जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है एक-दो दिन में घाघरा का जलस्तर घटने की संभावना है।
उधर रविवार को बाढ़ खंड के एक्सईएन वीएन शुक्ला, सहायक अभियंता अमरेश सिंह व अवर अभियंता रवि वर्मा ने बाढ़ क्षेत्र में आने वाले एल्गिन चरसडी बांध का निरीक्षण किया। उन्होंने बांसगांव व चंदापुर किटौली में बांध के सुरक्षा की दृष्टि से निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश दिए।
उधर उप जिलाधिकारी करनैलगंज हीरालाल ने नकहरा गांव का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है हालांकि अभी गांव के मजरों में पानी नहीं घुसा है।
मगर सोमवार तक जलस्तर में बढ़ोतरी जारी रहने पर गांव बाढ़ की चपेट में आ सकता है। एहतियात के तौर पर राजस्व विभाग की टीम को अलर्ट कर गांव में तैनात कर दिया गया है।
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