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दीवानी न्यायालय द्वारा पारित स्थगन आदेश की खुलेआम अवहेलना पर आमादा कुंडा तहसील प्रशासन



रवि दुबे 

खबर प्रतापगढ़ से है जहां ग्राम रैयापुर (भोनी का पूर्वा)तहसील व थाना कुंडा जिला प्रतापगढ़ का है जहां गरीब एवं असहाय व्यक्ति के विरुद्ध सरकारी बाबू हुआ हावी।तहसील प्रशासन को अपने प्रभाव में लेकर न्यायिक आदेश की धज्जी उड़वा रहा है। 


न्यायिक आदेश की अवहेलना पर  पुनःआमादा हुआ दबंग सीताराम। सीताराम के विरुद्ध माननीय न्यायालय से 4/10/ 2012 को एक स्थगन आदेश मूल वाद संख्या 842/ 2011 में पारित हुआ है कि पक्ष गण विवादित भूमि पर यथास्थिति बनाए रखें। 


किंतु सीताराम द्वारा उपरोक्त आदेश की अनदेखी करते हुए जबरन अधिकारियों को मिलाकर अवैध कार्य करने की प्रबल तैयारी की जा रही है। जबकि इसी संबंध में सीताराम व उसके परिवार के लोगों के विरुद्ध 286/ 2020 अंतर्गत धारा 147  352 504 506 323 427 भारतीय दंड विधान का अभियोग पंजीकृत हुआ है प्रकरण में पुलिस अधीक्षक प्रतापगढ़ द्वारा भी रिपोर्ट  मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी गई है कि स्थल पर रास्ते का विवाद है जिसका मामला माननीय न्यायालय में चल रहा है।


 स्थगन आदेश पारित है और मौके पर यथास्थिति बनी हुई है जबकि सीताराम जो उत्तर प्रदेश सचिवालय में खनिज विभाग  में बाबू के पद पर कार्यरत हैं सचिवालय का रोब दिखाकर स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों/ कर्मचारियों पर बेजा दबाव बनाकर स्थल की स्थिति परिवर्तित कर देना चाहता है और जबरन निर्माण कर लेना चाहता है। 


यदि सीताराम अपने मंतव्य में सफल हो गया तो न्याय की मनसा नष्ट हो जाएगी और न्यायिक आदेश व न्यायिक अवधारणा समूल रूप से नष्ट हो जाएगी।


गरीब असहाय याची मतई अपने परिवार के साथ कहां जाए और किससे अपनी पीड़ा सुनाएं।यदि उसके या उसके परिवार के साथ किसी भी प्रकार की अनहोनी या कोई दुर्घटना होती है या विवादित संपत्ति पर न्यायालय का स्थगन आदेश के बावजूद किसी भी प्रकार का उपद्रव या निर्माण आदि होता है तो उसकी समस्त जिम्मेदारी तहसील प्रशासन कुंडा व सीताराम एवं उनके परिवार की होगी।

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