सबसे छोटे दिवस पर जन्म और गणित के क्षेत्र में सबसे बड़ा नाम:श्रीनिवास रामानुजन | CRIME JUNCTION सबसे छोटे दिवस पर जन्म और गणित के क्षेत्र में सबसे बड़ा नाम:श्रीनिवास रामानुजन
Type Here to Get Search Results !

Action Movies

Bottom Ad

सबसे छोटे दिवस पर जन्म और गणित के क्षेत्र में सबसे बड़ा नाम:श्रीनिवास रामानुजन



आनंद गुप्ता 

पलिया कलां खीरी:विद्या भारती विद्यालय सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज पलिया में श्रीनिवास रामानुजन की जयन्ती राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाई गई। 



वन्दना सभा में गणित विषय के आचार्य रजनेश ने श्रीनिवास रामानुजन के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला उन्होंने बताया कि गणित में अत्यन्त रुचि रखने वाले रामानुजन जन्मजात कुशाग्र नहीं थे। 


जन्म के 3 वर्ष तक तो ये बोल भी नहीं पाए थे। 3 वर्ष की आयु में इन्होंने बोलना शुरू किया परन्तु कम उम्र में ही इन्होंने दिखा दिया कि जैसे उनका जन्म गणित के लिए ही अवतरित हुआ है। 


ट्रिनिटी कॉलेज की सदस्यता गृहण करने वाले ये पहले भारतीय थे।  आचार्य सौरभ ने रामानुजन संख्या 1729 का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने बताया कि 22 वर्ष की उम्र में इनका विवाह हुआ और वैवाहिक जीवन के 11 वर्ष बाद ही 26 अप्रैल 1920 में ये गोलोकवासी हो गए।  


सन 1918 में 31 वर्ष की उम्र में इन्होंने 120 सूत्र लिखे और अपने शोध पत्र कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के प्रो. जी. एच. हार्डी को भेजे। प्रोफ. हार्डी इनके शोध पत्र पढ़कर इतने प्रभावित हुए कि इन्हे अपने विश्वविद्यालय बुलाया। फिर 2 वर्ष तक साथ ही कार्य किया।  इन्होंने अपने 33 वर्ष के अल्प जीवन काल में 3884 समीकरण बनाए। 


कार्यक्रम का सञ्चालन श्रद्धा सिंह ने कहा। अन्त में सञ्चालक श्रद्धा सिंह ने प्रधानाचार्य को आमन्त्रित किया। प्रधानाचार्य वीरेन्द्र वर्मा ने राष्ट्रीय गणित दिवस पर छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा होनहार बिरवान के होत चीकने पात। आज हम श्रीनिवास जी रामानुजन की जयन्ती मना रहे हैं। 


एक महान गणितज्ञ जिसका जन्म सबसे छोटे सौर दिवस पर 22 दिसम्बर को 1887 में हुआ। परन्तु गणित के क्षेत्र में एक बड़ा नाम कमा गए। उनकी स्मृति में तमिलनाडु राज्य में जनमानस इनके जन्म दिवस को आईटी दिवस के रूप में मनाता है।


पूरा आर्यवर्त भारत इनके जन्म दिवस को राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाता है।

 विश्व में अपनी गणित का डंका बजवाने वाले इस महान गणितज्ञ का अनन्तवास एक भयंकर यक्ष्मा (ट्यूबरकुलोसिस) नामक बीमारी से हुआ। 


इसी बीमारी से हिन्दी विषय के क्षेत्र में एक युग का श्रीगणेश करने वाले भारतेन्दु हरिश्चन्द्र का गोलोकवास भी अल्पायु 35 वर्ष की उम्र में हुआ था। इस महान गणितज्ञ की बीमारी के दौरान ही प्रोफेसर हार्डी इनसे मिलने आए। 


उन्होंने अपने टैक्सी वाहन के नम्बर 1729 के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि यह नम्बर मुझे अच्छा नहीं लगा, तत्क्षण कुशाग्र गणितज्ञ रामानुजन ने कहा अरे ये तो एक ऐसी सबसे छोटी संख्या है जो दो अंकों के घन युग्म का योग है। 


10 का घन एवं 9 के घन का योग और 12 के घन व 1 के घन का योग भी 1729 ही होता है। इसलिए इसे रामानुजन संख्या या प्रोफ. हार्डी से वार्तालाप के दौरान उत्पत्ति के कारण इसे हार्डी रामानुजन संख्या भी कहते हैं। 


2014 में इनके जीवन पर आधारित एक फिल्म रामानुजन का जीवन फिर 2015 में एक और फिल्म बनाई गई जिसका नाम

 द मैन हू न्यू इनफिनिटी था।

हम सभी को भी आज के दिव्य दिवस पर ऐसा स्वयं से संकल्प लेना चाहिए कि हमें भी किसी न किसी विषय को अपना प्रिय विषय बनाकर आगे बढ़ने का जज्बा रखकर अपना पर्याय बनाना चाहिए। क्योंकि कहा जाता है कि 

मान लोगे तो हार है,

  और ठान लोगे तो जीत है।

आज श्रीनिवास रामानुजन की जयन्ती राष्ट्रीय गणित दिवस पर राष्ट्र को अपनी सर्व क्षमताओं से वैभवसम्पन्न बनाने का पूर्ण चेतना से स्वसंकल्प लें तभी इस कार्यक्रम का अभीष्ट सिद्ध होगा।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad



 




Below Post Ad

Comedy Movies

5/vgrid/खबरे