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विश्व कैंसर दिवस: महिला और बाल कल्याण संगठनों ने सिगरेट पर टैक्स बढ़ाने किया स्वागत



वेदव्यास त्रिपाठी 

प्रतापगढ़! विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर आज 4 फरवरी को देश भर के महिला और बाल कल्याण संगठनों ने केंद्रीय बजट 2023-24 में सिगरेट पर राष्ट्रीय आपदा आकस्मिक शुल्क (एनसीसीडी) को बढ़ाकर 16 प्रतिशत करने की केंद्रीय वित्त मंत्री की घोषणा का स्वागत किया है। संगठनों ने सिगरेट पर टैक्स बढ़ाने के फैसले की सराहना करते हुए सरकार से अब वे अब बीड़ी और धूम्रपान रहित तंबाकू उत्पादों पर भी कर बढ़ाने की अपील कर रहे हैं, जिसके लिए इस साल के बजट में कोई कर बढ़ोतरी नहीं की गई है।

     विश्व कैंसर दिवस पर आज पट्टी के सरसतपुर में आयोजित एक संगोष्ठी में उक्त जानकारी देते हुए तम्बाकू नियंत्रण पर कार्यरत महिला और बाल अधिकार संगठन-डब्ल्यूसीआरओ के स्थानीय प्रतिनिधि नसीम अंसारी ने बताया कि "सिगरेट पर एनसीसीडी में मामूली वृद्धि ने सरकार से हम सबकी उम्मीदें बढ़ा दी हैं कि और आशा करते हैं कि सरकार अगली जीएसटी परिषद की बैठक में बीड़ी और धूम्रपान रहित तंबाकू सहित सभी तंबाकू उत्पादों पर कर बढ़ाने पर विचार करेगी.

      उल्लेखनीय हैं कि 01 फरवरी को संसद में केंद्रीय बजट पेश करते हुए, केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री, श्रीमती निर्मला सीतारमण ने निर्दिष्ट सिगरेट पर एनसीसीडी को लगभग 16 प्रतिशत संशोधित करने का प्रस्ताव दिया है। निर्दिष्ट सिगरेट पर एनसीसीडी को पिछली बार तीन साल पहले संशोधित किया गया था। 

अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के अनुसार, तंबाकू के उपयोग को कम करने के लिए कर वृद्धि के माध्यम से तंबाकू उत्पादों की कीमत बढ़ाना सबसे प्रभावी नीति है। उच्च तम्बाकू कीमतों से खरीद कि सामर्थ्य कम हो जाती है, और इसे बीच छोड़ने को प्रोत्साहित करता है. स्वास्थ्य संबंधी स्थायी समिति ने भी भारत में सबसे ज्यादा जान गंवाने वालों की मौत मुंह से तम्बाकू के कारण होने वाला कैंसर बताया है, सरकार को तंबाकू पर कर बढ़ाने और कैंसर की रोकथाम और जागरूकता के लिए प्राप्त अतिरिक्त राजस्व का उपयोग करने की सिफारिश की है।

    तम्बाकू सर्वे पर हाल ही में जारी गेट्स-2 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 28.6% युवा 15 वर्ष कि आयु से ही तम्बाकू का सेवन करने लगते है, जिनमें ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र से होते हैं. रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर पांचवां युवा ध्रूम्र रहित तम्बाकू और हर दसवां युवा धुआं सहित तम्बाकू का सेवन करता है. इसी तरह गेट्स-2 की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में 52.1% प्रतिशत पुरुष औ 17.7% महिलायें किसी न किसी रूप में तम्बाकू का प्रयोग करते है. इसके कारण 61.1% युवा अपने घर में ही सेकण्ड-हैण्ड स्मोक से और 52.3% युवा सार्वजनिक स्थलों पर अनचाहे तम्बाकू के धुएं से प्रभावित होते हैं. भारत में दुनिया में तम्बाकू उपयोगकर्ताओं की दूसरी सबसे बड़ी संख्या (268 मिलियन) है और इनमें से 13 लाख हर साल तम्बाकू से संबंधित बीमारियों से मर जाते हैं। भारत में कुल कैंसर का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा तम्बाकू सेवन की वजह से होता है ।

कार्यक्रम में राकेश गिरी, संतोष चतुर्वेदी व लालमती, बृजलाल सहित कई महिला पुरुषों ने प्रतिभाग किया.

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