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सिर्फ जुबान नहीं 'नजर' का भी होता है रोजा, रमजान में ध्यान रखें ये बातें



मोहम्मद सुलेमान /सलाहुद्दीन

गोंडा ! रमजान का पवित्र महीना शुरू  है. रमजान का महीना पूरा होने के बाद ईद का त्योहार मनाया जाएगा. रमजान के महीने में रोजेदारों को कई चीजों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है. अगर इन चीजों का ध्यान नहीं रखा गया तो रोजेदार का रोजा टूट सकता है.



रमजान का पवित्र महीना शुरू  है. रमजान का पाक महीना पूरा होने के बाद ईद का त्योहार मनाया जाएगा. इस महीने लोग ना सिर्फ रोजे रखते हैं बल्कि सच्चे दिल से अल्लाह की इबादत भी करते हैं. हाफिज अब्दुल करीम कहते हैं कि रमजान का महीना बरकतों से भरपूर होता है. अल्लाह इस महीने अपनी खास रहमत नाजिल फरमाता है. 

हाफिज अब्दुल करीम ने आगे कहा कि इस महीने अल्लाह गुनाहों को माफ करता है. दुआओं को कबूल करता है और फरिश्तों को हुकुम देता है कि रोजा रखने वालों की दुआ पर आमीन कहो. जो शख्स ईमान के साथ अल्लाह की रजा के लिए रोजा रखता है, अल्लाह उसके पिछले तमाम गुनाहों को माफ कर देता है. उन्होंने कहा कि इस महीने मुस्लिम लोगों को अपने से गरीबों और वंचितों का खास ख्याल रखना चाहिए. 

हालांकि, जो लोग रोजा रखते हैं, उन्हें कई तरह की चीजों का ख्याल रखना जरूरी होता है. कई बार जरा सी गलती से ही रोजा टूट जाता है, इसलिए इन चीजों को ध्यान में रखकर ही सेहरी से लेकर इफ्तार तक समय बिताना जरूरी है. 

रमजान के महीने में अल्लाह रोजेदारों पर बरकत एवं रहमत नाजिल करता है यह महीना मुसलमानों के लिए बहुत खास महीना होता है!

रोजा रखें और गुनाहों के तौबा करें!

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