श्री रामजन्मभूमि में विराजमान भगवान श्री राम लला के 71वें प्राकट्योत्सव पर निकाली गई सबसे बड़ी शोभा यात्रा
अयोध्या में मनाया गया भगवान श्री रामलला का प्राकट्योत्सव
वासुदेव यादव
अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि पर विराजमान भगवान श्री रामलला के 7वें प्राकट्योत्सव पर बाजे गाजे के साथ शोभायात्रा निकाली गई।
यह यात्रा सुरक्षा व्यवस्था के बीच क्षीरेश्वर महादेव मंदिर से निकलकर रामकोट की परिक्रमा करते हुए वापस उसी स्थान पर समाप्त हुआ। रामजन्मभूमि पर विराजमान भगवान श्री रामलला का प्राकट्य 1949 में हुआ जिसके बाद से रामजन्मभूमि सेवा समिति रामलला के प्राकट्य उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस वर्ष राम मंदिर के पक्ष में फैसला एक बाद होने के बाद भी प्राकट्योत्सव रामजन्मभूमि परिसर के बाहर मनाया गया। बताते चलते हैं कि 1992 की घटना के बाद कई प्रकार के रोक लगाए गए जिसके बाद परिसर पर 2005 में हुए आतंकी घटना के बाद यह पूरा आयोजन परिसर के बाहर कर दिया गया जिसे के कारण आज भी रामलला के प्राकट्य उत्सव को क्षीरेश्वर नाथ मंदिर में मनाया जा रहा है। इस वर्ष भी सेवा समिति के द्वारा नौ दिवसीय प्राकट्य उत्सव का आयोजन किया गया इसी शो के आज आखिरी दिन भगवान श्री रामलला का भव्य शोभायात्रा निकाला गया जिसमें बाजे गाजे के साथ भगवान श्रीराम व उनके तीनों भाइयों के साथ प्रतीकात्मक स्वरूप निकाला गया वहीं इस यात्रा में महंत धर्मदास के साथ सैकड़ों राम भक्त शामिल हुए।
रामजन्मभूमि के पक्षकार रहे महंत धर्मदास ने बताया कि पौष शुक्ल तृतीया के दिन रामजन्मभूमि परिसर में भगवान श्री राम लला प्राकट्य हुआ था। जिसको लेकर हर वर्ष उत्सव मनाया जाता है और आज इसी उत्सव की कृपा से रामलला के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है और जल्द ही राम मंदिर का निर्माण कार्य भी शुरू होगा।
श्री राम जन्मभूमि सेवा समिति के महामंत्री रामप्रसाद मिश्रा ने बताया कि आज के ही दिन रामजन्मभूमि के गर्भगृह में भगवान श्री रामलला का प्राकट्य 1949 में हुआ था। जिसको लेकर या प्राकट्य उत्सव प्रत्येक वर्ष रामजन्मभूमि सेवा समिति मनाता रहा है।आज भी भगवान श्री रामलला के प्रकट उत्सव पर नौ दिवसीय आयोजन के आखिरी दिन रामकोट की परिक्रमा के लिए शोभायात्रा निकाली गई। कार्यक्रम में आये सन्त महंत का पराग मिश्रा ने माला पहनाकर स्वागत सम्मान कर आशीर्वाद ग्रहण किये। इस दौरान सुरक्षा सख्त रही।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ