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परष्पर प्रेम की भावना नैतिक मूल्यों के आधार

मिथलेश शुक्ला (नीतू पंडित)

बभनान

जब नैतिक मूल्यों का हनन होता है तो देश व प्रदेश में उथल पुथल मच जाती है। पिता पुत्र, गुरु-शिष्य, भाई बहन के बीच परष्पर प्रेम की भावना नैतिक मूल्यों के आधार पर होती है । नैतिक मूल्यों को पहचानने वाला ही संस्कारवान व चरित्रवान होता है । उक्त बातें जे देवी महिला महाविद्यालय बभनान गोंडा में आयोजित राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर के दूसरे दिन आचार्य नरेंद्र देव किसान पीजी कॉलेज के संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ अखिलेश्वर शुक्ल ने शिविरार्थीछात्राओं से कही।

 कार्यक्रम को गति देते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ चंद्रमौली मणि तिवारी ने कहा वृक्षों का उदाहरण तो लोग कहावतों, मुहावरों में भी करते हैं। वृक्ष स्वयं अपने फल नहीं खाते। स्वयं अपनी छाया में नहीं बैठते। वृक्ष अपने लिए नहीं बल्कि जीवों के लिए अपना सब कुछ समर्पित करते हैं। यह हमारे जीवन में विशिष्ट महत्व रखते हैं। इनके बिना सृष्टि की कल्पना करना व्यर्थ हैं। वास्तव में पेड़ धरती का श्रृंगार है। इस अवसर कार्यक्रमाधिकारी पर डॉ भूपेश, डॉ हरजीत कौर, डॉ राजेश श्रीवास्तव , स्नेहा जायसवाल, आरती विश्वकर्मा, नंदिनी, रिचा मिश्रा, सुनीता, शिवानी, आरती, अनामिका, गरिमा सिंह सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
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