चिकित्सा क्षेत्र में सभी पद्धतियां महत्वपूर्ण-डा. वी.के. वर्मा
सुनील उपाध्याय
बस्ती। इलेक्ट्रो होम्योपैथी के जनक डा. काउन्ट सीजर मैटी की जयन्ती प्रेस क्लब में शनिवार को इलेक्ट्रो होम्योपैथिक मेडिकल गुरूकल इंस्टीट्यूट की ओर से मनाया गया।
मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये वरिष्ठ होम्योपैथी चिकित्सक एवं जिला चिकित्सालय के आयुष चिकित्साधिकारी डा. वी.के. वर्मा ने कहा कि जिसका जन्म हुआ है वह मनुष्य हो या पशु उसे कभी न कभी बीमारियों का सामना करना ही पड़ता है। चिकित्सक का धर्म है कि वह अपने पद्धति से मरीज को स्वस्थ करें। इलाज के लिये अनेक पद्धतियां हैं जिनमें सबका महत्व है। कहा कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी वास्तव में होम्योपैथी चिकित्सा का ही एक हिस्सा है, जिसमें पेड़- पौधों का औषधीय अर्क निकालकर उसका इस्तेमाल विभिन्न रोगों में आल्टरनेट थेरेपी के तौर पर किया जाता है। इस चिकित्सा पद्धति के अनुसार रोग के लक्षण और औषधि के लक्षण में जितनी अधिक समानता होगी, रोगी के ठीक होने की सम्भावना भी उतनी अधिक बढ़ जाएगी। इस थेरेपी का मुख्य काम रक्त में आई अशुद्धियों को दूर कर शरीर को बीमारियों से मुक्त बनाना है।
कार्यक्रम संयोजक डा. आर.वी. सोनी ने कहा कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी पद्धति द्वारा इलाज के दौरान किसी भी जानवर या अन्य किसी प्रकार के खनिज स्रोत का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। यह पद्धति पूरी तरह प्राकृतिक तरीकों से इलाज करती है। यह पूरी तरह सुरक्षित और बिना किसी साइड इफेक्ट के काम करने वाली थेरेपी है। अवसाद, आर्थराइटिस, माइग्रेन, अल्सर और अन्य अनेक प्रकार की गम्भीर बीमारियों का इलाज इस थेरेपी से सफलतापूर्वक किया जा सकता है।
डा. काउन्ट सीजर मैटी के जयन्ती अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य रूप से डा. आर.एन. पाण्डेय, डा. विद्या सिंह, डा. इन्सान अली, डा. आर.सी. चौधरी, डा. यश वर्मा, डा. आर.सी. दिनकर, डा. भगवान सिंह, डा. जय प्रकाश, डा. जी.सी. चौधरी, डा. आर.के. अग्रहरि, डा. वी.के. पटेल, डा. आर.पी. प्रजापति, डा. रामफेर प्रजापति, डा. अरविन्द चौधरी, डा. यश वर्मा आदि शामिल रहे।
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