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एक आर्टिस्ट के नजर में अखिलेश व योगी के कार्यों की तुलना


अखिलेश्वर तिवारी
कितना सही कितना गलत, फैसला आप पर
बलरामपुर।। पहले अपना परिचय दे दुँ क्योकि अगर सियासी लोगो के बारे में कुछ अच्छा बुरा लिख दो तो गालियों की बौछार से आपका सामना होने लगता है । नाम अंकित जांगिड़ है दिल्ली का रहने वाला हूँ आर्टिस्ट हूँ सियासत की समझ नही है लेकिन अपनी एक राय जरूर है । उत्तर प्रदेश से मेरा कोई दूर दूर तक कोई नाता नही है । हालांकि मेरा कई बार यँहा आना जाना जरूर हुआ है । 2016 के आखिर में जब अखिलेश जी मुख्यमंत्री थे तब मैं लखनऊ , इटावा, प्रयाग, गोरखपुर गया था और अभी दिसम्बर 2019 मै आगरा गोरखपुर वाराणसी अयोध्या और लखनऊ होकर आया हूँ । दोनों समय मे उत्तर प्रदेश में बड़ा बदलाव मुझे देखने को मिला है । इस बदलाव का जिक्र में करु उससे पहले ये भी बता दूं कि योगी जी और अखिलेश जी दोनों ही मेरे पंसदीदा राजनेताओं की लिस्ट में शामिल है ....। हालांकि मेरा दोनों को पसंद करने का कारण अलग अलग है....योगी जी भारी बहुमत को साथ लेकर यूपी की हुक़ूमत में मजबूती से डटे हुए है...। ये बात अब किसी से छिपी नही है यूपी से लेकर दिल्ली तक बीजेपी के कुछ लोग लोकभवन में उनकी कुर्सी को खींचने की जुगत में लगे रहते है लेकिन महाराज जी अपनी सूझबूझ और रणनीति से विरोधियों को परास्त करते रहे है ।

योगी जी की मजबूती के विपरीत अखिलेश यादव लोकप्रियता में योगी जी से कँही आगे दिखाई देते है अभी हाल ही मै कानपुर के उनके दौरे के बारे में मुझे बताया गया कि जँहा अखिलेश पहुंचे थे वँहा हजारों की भीड़ ने उन्हें घेर लिया....। जो उनके समर्थन में वँहा उमड़े थे । जो में समझ पाया ये लोगो का जमावड़ा आखिलेश को पसंद की करने वजह से हुआ और उसकी वजह है अखिलेश का कामकाज । कई बार चुनावी राजनीति में आपको हार का सामना करना पड़ता है लेकिन जनता की पसंद करने की तीव्रता में कोई कमी नही आती यही अखिलेश के साथ हुआ है ।अखिलेश के बारे में जब मेरी यूपी के लोगो से बात हुई तो पता चला कि अखिलेश का काम ही उनकी पहचान है एक डायलॉग भी लोगो ने बताया जो सपा नेता बोलते है" काम बोलता है " । 

इसी काम का हिस्सा है उत्तर प्रदेश मै नया मुख्यमंत्री कार्यालय यानी लोक भवन । विधानसभा के सामने बनी इस इमारत उत्तर प्रदेश के बदलाव का एक बड़ा आइकॉन है.... शहीद पथ पर बनी सिग्नेचर बिल्डिंग...जो यूपी पुलिस के मॉडर्न होने की नई कहानी को बयां करता है.. । डायल 100 जो अब डायल 112 है का विशाल दफ्तर भी पुलिस मुख्यालय के ठीक बगल में है । शहीद पथ पर ही खेल स्टेडियम लखनऊ के लिए गौरव की तरह है । अखिलेश जी ने अवध शिल्प ग्राम बनाकर हुनर मंद लोगो के लिए एक बड़ी जगह बनाई है । एटीएस मुख्यालय, कारागार मुख्यालय की इमारतें भी अखिलेश यादव के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने की कहानी कहती है । 

लखनऊ कानपुर आगरा वाराणसी में मेट्रो का ख्वाब अखिलेश यादव ने ही देखा था और लखनऊ में मेट्रो बनाकर अपने इरादे भी जाहिर कर दिए थे। माल नुमा आलमबाग बस स्टैंड को देखे तो लगता ही नही की बस स्टैंड ऐसा भी हो सकता है । 

गोमती नदी किनारे बना जय प्रकाश नारायण सेंटर गगनचुम्बी इमारत का सपना अखिलेश जैसे लीडर ही सोच सकते हैं  समाजवादी आंदोलन से जुड़े लोगों के बारे में यँहा जानकारी का भंडार बनाये जाने की सोच अखिलेश की थी हालांकि योगी जी को इस काम को आगे बढ़ाने में दिलचस्पी लेनी चाहिए... गुजरात मे साबरमती के तट की खूब तारीफें  अखिलेश ने सुनी थी....और गुजरात के उसी मॉडल को अपनाते हुए गोमती रुवर फ्रंट योजना अखिलेश लेकर आये लखनऊ की संस्कृति से जुड़ी रही गोमती को खूबसूरत तट और ओपन स्टेडियम इसी का नतीजा है हालांकि मनोरंजन की कई सुविधाएं यँहा बनाई जानी थी जिनमे होटल , लाइटिंग म्यूजिकल फाउंटेन भी शामिल थे लेकिन वो काम रुका हुआ है । जनेश्वर मिश्रा पार्क बनाकर शहरी लोगो को मॉर्निंग जॉगिंग का एक बड़ा और खूबसूरत पॉइंट अखिलेश की वजह से ही मिला । आगरा से लखनऊ तक एक्सप्रेस वे बनाकर दिल्ली तक गाड़ी दौड़ा देने की अखिलेश की सोच का कोई जवाब नही है । लखनऊ से बलिया तक का रास्ता बनाने की तैयारी भी अखिलेश ने अपने कार्यकाल में कर ली थी जिसे योगी जी आगे बढ़ा रहे है। जिलों को आपस मे फ़ॉर लेन सड़को से जोड़कर अखिलेश ने यूपी की अर्थव्यवस्था को सुधारने का बेस तैयार कर दिया था कानपुर और इलाहबाद में ट्रांस गंगा जैसे प्रोजेक्ट अखिलेश की यूपी को लेकर सोच को दिखाते है । बिजली की समस्या के लिए नई उत्पादन इकाइयां लगाकर अखिलेश ने उत्तर प्रदेश को जगमग कर दिया....योगी जी और श्रीकांत जी अखिलेश के उठाये कदम से आज फायदा भी ले रहे होंगे ।  मंडियों को सड़कों से जोड़कर किसान की सीधी पहुँच की व्यवस्था की । पुलिस को मॉडर्न बनाने के लिए भी अखिलेश ने शुरुआत करते हुए स्कोर्पियो कार और पल्सर बाइक खरीदी, लॉ एंड आर्डर को दुरस्त करने के लिए रात भर ये गाड़िया गश्त करती 100 न0 मिलने पर केवल 10 मिनट के भीतर ही पुलिसकर्मी मौके पर पहुंच जाते थे । एम्बुलेंस 102 और 108 ने भी गरीबो के लिए हेल्थ फैसिलिटी को आसान बना दिया । पुकिसकर्मियो कि भर्ती, एस आई के इंपेक्टर पद पर प्रमोशन , ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी, कानूनगो लेखपाल,बेसिक शिक्षक, माध्यमिक और डिग्री कॉलेजों में शिक्षक सचिवालय सेवा से लेकर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के जरिये हजारों नौजवानों को नौकरियां दी । महिलाओं के लिए तो 1090 जैसा मजबूत हथियार देकर अखिलेश ने बहुत बड़ा काम कर दिखाया था। समाजवादी पेंशन , बुंदेलखंड में समाजवादी पैकेट बांटकर अखिलेश वँहा के लोगो के लिए हीरो बन गए । मतोब गिनाने को पन्ने कम पड़ जाय...। सचमुच हैरानी होती है अखिलेश के काम के बारे में सुनकर खुशी भी होती है कि जैसा व्यवहार है अखिलेश का वैसा ही काम करने का अंदाज भी है ।

वन्ही योगी जी इस पैमाने पर अभी बहुत पीछे है काम वो भी कर रहे है लेकिन अभी उंगलियों की गिनती पर ही है किसानों का कर्जा माफ करने का बड़ा कदम उठाकर योगी ने किसानों को बड़ी राहत दी, एन्टी रोमियो स्क्वाड का भी जिक्र योगी की उपलब्धि का हिस्सा है। अखिलेश के पूर्वांचल एक्सप्रेस के काम को बढ़ाने के अलावा बुदेलखण्ड एक्सप्रेस वे, गंगा एक्सप्रेस वे की भी योजना बनाई जा रही है ।वाराणसी के घाटों की खूबसूरती अब अलग ही छटा दिखाती है

प्रयाग की सड़कें चौड़ी होने से उसकी खूबसूरती बड़ी है । शहरों के नाम बदलने जैसे कदम, इमारतों से लेकर आवासों और सरकारी लेटर हेड का रंग भगवामय कर भगवासरकार होने का अहसास लोगो को कराने में योगी जी आगे रहे है । मूर्ति लगाने के मामले में योगी जी ने कई फैसले लिए है । शिक्षकों की भर्ती पुकिसकर्मियो की भर्ती अभी कोर्ट में मामला होने के चलते रुकी हुई है लेकिन जल्द उसका रास्ता साफ होगा । 2 बार इन्वेस्टर समिट भी हुई ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी भी लेकिन न मनमाफिक इन्वेस्टमेंट आया न ही उद्योग धन्धे ही कँही लगे हुए दिखाई दिए । अयोध्य्या में देव दीपावली से आस्था का अलग संदेश देश भर में गया । अयोध्या को सतयुग सरीखा शहर बनाने की भी योजना योगी जी की है । गंगा को साफ करने के लिए गंगा यात्रा भी एक अच्छा कदम है लोगो की गंगा सफाई में सहभागिता बढ़ेगी ।

सच पुछु तो कानून व्यवस्था के मामले में दोनों सरकारों का कार्यकाल एक जैसा रहा है । बलात्कार, गुंडई हत्या चोरी डकैती के मामले दोनों सरकारों में एक जैसे रहे । योगी जी ने एनकाउंटर की छूट दी जो बेअसर दिखी उल्टा इसका पुलिस ने बेजा इस्तेमाल भी किया । 

अखिलेश के यँहा यादव अधिकारियों के हावी होने के किस्से थे तो योगी जी की सरकार ठाकुरों से भरी पड़ी है खुलकर लोग कहते है । अखिलेश पर मुस्लिम परस्त होने का ठप्पा लगता रहा है और एक हद तक ये सही भी था लेकिन किसी हिन्दू पर कोई नाइंसाफी भी अखिलेश की सरकार में नही हुई।  डेवलपमेंट का आइकॉन अगर कोई है तो अखिलेश ही है योगी जी इस मामले में अखिलेश के सामने कँही नही ठहरते है । निःसंदेह हिंदुत्व का आइकॉन योगी जी है और इस पर मुझे खुशी भी होती है । आज शहर शहर तिरँगा यात्रा निकले, मंदिरों की प्रतिष्ठा स्थापित हो, शहरों के नाम बदलकर महापुरषो के नाम हो, आप मूर्तियों से शहरों को पाट दे ये हम सब के लिए हर्ष का विषय है । लेकिन तिरँगा को थामने वाले युवा घर पर खाली न बैठे इसकी व्यवस्था भी होनी चाहिए । महिलाएं सुरक्षित रहें, किसानों का कल्याण हो रोड बने, मतलब विकास दिखाई दे। अब योगी जी की सरकार के पास 2 साल का समय है मैं तो दिल्ली का रहने वाला हूँ बारीकी तो नही जानता लेकिन मुझे बीते  3 सालो में गिनाने को कुछ नही दिखाई देता लेकिन अभी भी मौका है बड़ी लकीर खींचने का अखिलेश से भी बड़ी लकीर क्योकि हिंदुत्व का टॉनिक हर तरह के रोग में पी पीकर जनता बोर हो गयी है । 

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